Maharashtra Politics: केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (A) के प्रमुख रामदास अठावले ने मदरसा शिक्षकों के वेतन बढ़ाने के महाराष्ट्र कैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने शुक्रवार (11 अक्टूबर) को कहा कि मदरसा शिक्षकों को लेकर उठाए गए इस कदम से साबित होता है कि राज्य में महायुति सरकार मुस्लिम विरोधी नहीं है.
अठावले ने कहा, ''मुझे लगता है कि महायुति सरकार सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करती है, चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई और अन्य हों और मदरसा शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाने का निर्णय अच्छी बात है. इससे साबित होता है कि सरकार मुस्लिम विरोधी नहीं है.''
''नॉन-क्रीमी लेयर' आय सीमा पर क्या बोले अठावले?
नागपुर में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ने महाराष्ट्र कैबिनेट की ओर से 'नॉन-क्रीमी लेयर' के लिए आय सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने के प्रस्ताव को अच्छा बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस पर विचार करेगी.
बता दें कि महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुरुवार (10 अक्टूबर) को 'नॉन-क्रीमी लेयर' के लिए आय सीमा को मौजूदा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का केंद्र से अनुरोध करने का निर्णय लिया. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कैटेगरी में आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए एक गैर-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र की जरुरत होती है, जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा से कम है.
महाराष्ट्र कैबिनेट ने मदरसा शिक्षकों के लिए मानदेय बढ़ाने का फैसला किया है. बीएड डिग्री 6,000 रुपये से 16,000 रुपये और बीए, बीएड और बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का वेतन 8,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा.
RPI अपने चिह्न पर चुनाव लड़ेगी- अठावले
आरपीआई (ए) प्रमुख ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी बात की. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ''आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इस पर सवालिया निशान है और निर्णय जल्द ही किया जाना चाहिए. आरपीआई (ए) अपने पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी.''
8 से 10 सीटों की मांग की- अठावले
अठावले ने कहा, ''महायुति के सहयोगी के रूप में 8 से 10 सीटों की मांग की है. महायुति को जल्द ही निर्णय लेना चाहिए और सहयोगियों को कम से कम तीन सीटें छोड़नी चाहिए. महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर नवंबर में चुनाव होने की संभावना है. वर्तमान विधानसभा में, बीजेपी 103 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद शिवसेना 40, एनसीपी 41, कांग्रेस 40, शिवसेना (यूबीटी) 15, एनसीपी (एसपी) 13 और अन्य 29 हैं. जबकि कुछ सीटें खाली हैं.
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