Chhatrapati Sambhajinagar News: रामगिरी महाराज (Ramgiri Maharaj) अपने के कारण एकबार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. रामगिरी ने कहा कि 'जन गण मन' को ब्रिटिश शासक जॉर्ज-पंचम के सामने गाया गया था जो कि भारत के साथ अन्याय है. उन्होंने मांग की कि 'जन गण मन' की जगह 'वंदे मातरम' को भारत का राष्ट्रगान होना चाहिए.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रामगिरी महाराजन ने कहा, ''जन गण मन को रबिंद्रनाथ टैगोर ने बांग्ला में लिखा था और इसके हिंदी संस्करण को 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रगान के रूप में अंगीकार किया गया. कोलकाता में 1911 में रबिंद्रनाथ टैगोर ने यह गाना गाया था. उस वक्त देश आजाद नहीं था. उन्होंने यह गाना जॉर्ज-पंचम के सामने गया था जो कि ब्रिटिश राजा था. जो कि भारत के साथ अन्याय है.''
सत्य कहना अपमान की बात तो यह दुर्भाग्यपूर्ण - रामगिरी महाराज
रामगिरी महाराज ने छत्रपति सांभाजीनगर में मंगलवार को कहा कि ''जन गण मन देश को संबोधित कर नहीं गाया गया था. हमें वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाने के लिए संघर्ष करना होगा. वंदे मातरम को हमारा राष्ट्रगान बनाना चाहिए.'' जब रामगिरी से उनके विवादित बयान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह सम्मान और अपमान की बात नहीं बल्कि वह सत्य कह रहे हैं. अगर सत्य कहना अनादर के रूप में देखा जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
महाराष्ट्र में रामगिरी महाराज पर कई केस
रामगिरी महाराज 'मिशन अयोध्या' फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के लिए छत्रपति सांभाजीनगर आए थे. वह पहले भी अपने बयानों के कारण विवादों से घिरे हैं. पिछले साल उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद और इस्लाम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करके विवाद पैदा कर दिया था. इसके कारण महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई केस हुए थे और इतना ही नहीं मुस्लिम संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था.
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