(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rapido Ban: रैपिडो ने की महाराष्ट्र में प्रतिबंध की आलोचना, फैसले को कोर्ट में दे सकती है चुनौती
Rapido Ban in Maharashtra: रैपिडो ने निजी एग्रीगेटर्स व राइड-पूलिंग वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की आलोचना की है.
Rapido Bike Taxi Services: बेंगलुरु स्थित बाइक एग्रीगेटर रैपिडो ने निजी एग्रीगेटर्स और राइड-पूलिंग वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की आलोचना की है. कंपनी ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी उपायों पर विचार करेगी. रैपिडो के प्रवक्ता ने गुरुवार (19 जनवरी) की राज्य सरकार की अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि इससे दो लाख से अधिक बाइक कैप्टन की आजीविका और अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है रैपिडो
इसके अलावा, कंपनी ने दावा किया कि 'मनमाना निर्णय' लाखों नागरिकों को स्थानीय परिवहन के एक विश्वसनीय और कुशल साधन का लाभ उठाने से वंचित कर देगा. उन्हें खराब परिवहन सुविधाओं से जूझने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, क्योंकि उनकी कंपनी कम लागत में लोगों को अच्छी सुविधा प्रदान करती है.रैपिडो ने कहा कि वह अपने लाइसेंस की स्वीकृति के लिए कानूनी चुनौती की योजना बना रहा है, क्योंकि सरकार के पास इस संबंध में नीति बनाने की इच्छाशक्ति की कमी है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने उठाया कदम
राज्य सरकार ने यह कदम बॉम्बे हाई कोर्ट के 13 जनवरी के उस फैसले के के बाद उठाया है, जिसमें कोर्ट ने राज्य में अवैध रूप से चल रहे' रैपिडो को फटकार लगाई थी और उसे एक घंटे के भीतर अपने ऐप को निष्क्रिय करने और 20 जनवरी तक राज्य में अपनी सभी सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था.अपने फैसले में न्यायमूर्ति गौतम एस. पटेल और न्यायमूर्ति शिवकुमार जी. डिगे की खंडपीठ ने चेतावनी दी थी कि अगर कंपनी ने तुरंत सेवाओं को निलंबित नहीं किया, तो वह स्थायी रूप से लाइसेंस प्राप्त करने से रोक देगी और भारी जुर्माना लगाएगी.
बिना लाइसेंस के काम कर रही थी कंपनी
गौरतलब है कि मुंबई और पुणे में रैपिडो बाइक टैक्सी संचालित करने वाली रैपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर अदालत का आदेश आया था, जिसमें राज्य सरकार के 29 दिसंबर, 2022 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसे बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस जारी करने से इनकार कर दिया गया था.महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट को सूचित किया था कि राज्य सरकार ने लाइसेंस देने से पहले इस मुद्दे की जांच करने और सुरक्षा सहित विभिन्न पहलुओं पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति नियुक्त की है. हालांकि, उन्होंने कहा कि रैपिडो बिना लाइसेंस के अवैध रूप से काम कर रहा था और पहले इसे अदालत में आने से पहले अवैधता को बंद कर देना चाहिए.
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87,000 से ज्यादा लोग हर दिन रैपिडो से करते हैं सफर
राज्य सरकार के कंपनी बताया था कि महाराष्ट्र में कंपनी से जुड़े हुए 200,000 से अधिक बाइक कैप्टन और 120,000 ऑटो-रिक्शा कैप्टन हैं, जो लगभग 87,000 सवारी के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 22,00,000 ग्राहकों को सेवा देते हैं, जो वर्तमान में मुंबई और पुणे में काम कर रहे हैं.