स्ट्रीट डॉग्स की तकलीफ नहीं देख पाते थे रतन टाटा, मार्च में शुरू कराया था आलीशान एनिमल हॉस्पिटल
Ratan Tata Death: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की पहल से मुंबई जानवरों का एक अस्पताल बनाया गया. जहां लोग अपने पालतू पशुओं का इलाज कराने के लिए ले जाते हैं.
Ratan Tata Died: उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन समाज और यहां तक की पशुओं के लिए उन्होंने ऐसे परोपराकारी काम किए हैं जो दुनिया हमेशा याद रखेगी. उसी की एक मिसाल बन रहा है मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में टाटा ट्रस्ट की तरफ से बनाया गया स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल. इसी साल मार्च महीने में इस एनिमल अस्पताल (Animal Hospital) की शुरुआत हुई है और यहां पर अब लोग अपने पालतू जानवरों जैसे कुत्ता और बिल्ली को लेकर उनका इलाज कराने के लिए आने लगे हैं.
रतन टाटा को जानवरों से भी बेहद प्रेम था. बताते हैं कि मुंबई ने जहां पर उनका घर है. घर के पास उनकी गाड़ी पहुंचती थी तो वहां के जो स्ट्रीट डॉग है. वह जाकर उन्हें घेर लेते थे. इन बेजुबानों से रतन टाटा को इतना लगाव था कि अगर वह बीमार हों या उन्हें चोट लगी हो तो वह देख नहीं पाते थे, यही वजह है कि इन बेजुबान छोटे जानवरों के लिए उन्होंने तमाम तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस इस अस्पताल का निर्माण करवाया ताकि यहां पर इन जानवरों का इलाज बेहतरीन तरीके से किया जा सके.
आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल
स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल की इमारत चार मंजिला है और बाहर से देखने में ही आलीशान लगती है. पहली झलक में कोई अंदाजा ही नहीं लगा सकता है कि यह जानवरों का अस्पताल हो सकता है. सुविधा ऐसी जो इंसानों के अच्छे-अच्छे अस्पतालों में ना देखने को मिले.
अस्पताल में क्या सुविधाएं हैं, जानवरों का कैसे इलाज किया जाता है, किस तरह की आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ इस अस्पताल को लैस किया गया है, इस मुद्दे पर यहां के प्रशासन और अस्पताल के डॉक्टर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन फिलहाल बात करने से इनकार कर दिया. लेकिन मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में रतन टाटा द्वारा बनाया गया जानवरों का अस्पताल, यह दिखाता है कि रतन टाटा के दिल में जिस तरह से इंसानों के लिए प्यार था.
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