(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: इस मुद्दे पर CM एकनाथ शिंदे को उद्धव ठाकरे की नसीहत- 'अगर मैं मुख्यमंत्री होता तो पहले...'
Ratnagiri Refinery: बारसू निवासी हजारों-करोड़ों की अनुमानित लागत से बनने वाली इस परियोजना की स्थापना का विरोध कर रहे हैं. उनका दावा है कि यह संयंत्र तटीय क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर देगा.
Barsu Refinery Project: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार (27 अप्रैल) को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी में नाणार में प्रस्तावित रिफाइनरी परिसर के लिए एक वैकल्पिक स्थल के रूप में बारसू का सुझाव दिया था. लेकिन अगर वह मुख्यमंत्री बने रहते तो वह वहां के लोगों को विश्वास में लेने के बाद ही इस संबंध में आगे बढ़ते.
ठाकरे के कैबिनेट सहयोगी एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पिछले साल जून में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. उन्होंने चेतावनी दी कि वह उनकी सरकार गिराये जाने का बदला लेंगे.
रिफाइनरी का विरोध कर रहे हैं बारसू के लोग
मुंबई से लगभग 400 किलोमीटर दूर रत्नागिरी में राजापुर तहसील के बारसू के निवासी कई हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल परिसर की स्थापना का विरोध कर रहे हैं. निवासियों का दावा है कि यह संयंत्र तटीय क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर देगा.
शिवसेना यूबीटी, एनसीपी, कांग्रेस ने किया बारसू निवासियों का समर्थन
शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस इन निवासियों का समर्थन करते रहे हैं. इन दलों का कहना है कि राज्य सरकार को लोगों की सभी तरह की आशंकाओं को दूर करने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए.
लोगों को हरित रिफाइनरी के फायदों को समझाना होगा- उद्धव
शिवसेना (यूबीटी) की व्यापार संघ इकाई, भारतीय कामगार सेना की 55वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए, ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने लोगों के विरोध के कारण नाणार के वैकल्पिक स्थल के रूप में बारसू का सुझाव दिया था. मेरी सरकार गिरा दी गई थी या अन्यथा मैं मांग करता कि इस परियोजना के संबंध में स्थानीय निवासियों को समझाया जाए.’’ उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार सृजन और हरित रिफाइनरी के फायदों के बारे में बताना होगा. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि ‘‘अगर यह हरित रिफाइनरी है, तो पुलिस मनमानी क्यों कर रही है?’’
'महाराष्ट्र और केंद्र की सरकार श्रमिक विरोधी'
ठाकरे ने पूछा कि इस तरह की परियोजनाएं महाराष्ट्र पर क्यों थोपी जा रही हैं? उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बारसू का दौरा करना चाहिए था और स्थानीय निवासियों को रिफाइनरी परिसर के बारे में समझाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में सरकारें श्रमिक विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें श्रमिकों की जरूरतों और मुद्दों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें: Watch: मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर सात गाड़ियों की जबरदस्त भिड़ंत, वीडियो देखकर चकरा जाएगा दिमाग