Ravindra Waikar News: महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जोगेश्वरी जमीन मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है. शिंदे गुट के नेता और सांसद रवींद्र वायकर,उनकी पत्नी और चार करीबी सहयोगियों के खिलाफ दर्ज मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है. ईओडब्ल्यू की तरफ से मामले को बंद करने का कारण बताते हुए कहा गया है कि बीएमसी की ओर से दायर शिकायत 'अधूरी जानकारी और गलतफहमी' पर आधारित थी.
कौन हैं रवींद्र वायकर?
शिवसेना में टूट से पहले रवींद्र वायकर उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगियों थे. लोकसभा चुनाव से पहले 10 मार्च को वह एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए, जिसके बाद शिवसेना शिंदे गुट ने उन्हें मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से मैदान में उतारा. रवींद्र वायकर ने इस सीट से जीत तो दर्ज कर ली लेकिन जीत के बाद भी वे विवादों में रहे.
दरअसल, रवींद्र वायकर की महज 48 वोटों से जीत मिली थी. जिसको लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने गोरेगांव के मतगणना केंद्र पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. वहीं रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार द्वारा मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन के उपयोग को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. शिवसेना (यूबीटी) किसी भी सूरत में रवींद्र वायकर की जीत स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हुआ.
आदित्य ठाकरे ने तो रवींद्र वायकर की जीत को लेकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. बता दें कि रवींद्र वायकर ने 2019 के विधानसभा चुनावों में जोगेश्वरी पूर्व विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. इससे पहले साल 2009, 2014 और 2019 में भी उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई थी. 2014 में उन्हें महाराष्ट्र का उच्च एवं तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री का पद मिला था. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत पार्षद पद से की थी. वे 1992 में बृहन्मुंबई में नगर निगम (बीएमसी) से पार्षद चुने गए थे.
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