'विलासराव देशमुख ने छोड़ दी थी कांग्रेस', दिवंगत पिता को लेकर किया गया दावा तो रितेश देशमुख ने किया फैक्ट चेक
Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे रितेश देशमुख ने सोशल मीडिया पर एक कथित फैक्ट चेकर का मुंह बंद कर दिया जब उसने विलासराव देशमुख को लेकर कुछ कहा.
Riteish Deshmukh on Father Vilasrao Deshmukh: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम विलासराव देशमुख (Vilasrao Deshmukh) को लेकर एक सोशल मीडिया यूजर ने बड़ा दावा किया, जिस पर उनके बेटे और फिल्म एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने करारा जवाब दिया. दरअसल, इस व्यक्ति ने 'एक्स' पर दावा किया कि विलासराव देशमुख ने कांग्रेस छोड़ दी थी. और उन्होंने शिवसेना और बीजेपी के समर्थन से विधान परिषद का चुनाव निर्दलीय लड़ा था. रितेश ने इस तथ्य को झूठा बताते हुए सोशल मीडिया यूजर से कहा कि पहले वह अपना फैक्ट चेक करें. दिवंगत सीएम विलासराव देशमुख को लेकर यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब कांग्रेस के नेताओं के पार्टी छोड़कर किसी अन्य पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है.
'मी भारतीय' नाम के एक 'एक्स' यूजर ने कहा कि ''विलासराव देशमुख एक वफादार कांग्रेस नेता थे. उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बारे में सोचा भी नहीं था- रितेश देशमुख. लेकिन तथ्य यह है कि विलासराव देशमुख ने कांग्रेस छोड़ दी थी और शिवसेना और बीजेपी के समर्थन से विधान परिषद का चुनाव निर्दलीय लड़ा था.'' इसी का जवाब देते हुए रितेश ने लिखा, ''असत्य, जाइए पहले अपना फैक्ट चेक कीजिए.''
Untrue - pls go and fact check… https://t.co/EsD5QNCsyH
— Riteish Deshmukh (@Riteishd) February 18, 2024
1975 से लेकर आखिर तक कांग्रेस से जुड़ रहे विलासराव देशमुख
विलासराव देशमुख महाराष्ट्र के दो बार सीएम रहे थे और वह केंद्र में भी मंत्री रहे. इसके अलावा वह राज्यसभा के भी सांसद थे. उनका परिवार मराठवाड़ा के लातुर से जुड़ा हुआ था. उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1974 में हुई थी और 1975 में उस्मानाबाद जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे.पहली बार 1980 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
साल 2008 में जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ था तब वह महाराष्ट्र के सीएम थे. इस घटना के बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि यूपीए-2 में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. उनका 14 अगस्त 2012 को निधन हो गया था. उस वक्त केंद्र की यूपीए सरकार में वह मंत्री थे.
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