फिर साथ आएंगे शरद पवार और अजित पवार? अब परिवार के इस सदस्य ने एकता पर दिया जोर
Maharashtra News: महाराष्ट्र में MLA रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने कहा कि एक संयुक्त परिवार ताकत है. जिस तरह से लोगों को लगता है कि परिवार को एक बार फिर से एक साथ आना चाहिए, मुझे भी ऐसा ही लगता है
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार की मां सुनंदा पवार ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को शरद पवार और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाले पार्टी के एक साथ आने की जरूरत पर जोर दिया. सुनंदा पवार ने कहा कि जब वह विरोधी गुटों को एकजुट करने की जरूरत पर बात करती हैं तो वह सिर्फ प्रदेश के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को लेकर ऐसा कर रही हैं.
सुनंदा पवार ने कहा, ''एक संयुक्त परिवार ताकत है और जिस तरह से लोगों को लगता है कि परिवार को एक बार फिर से एक साथ आना चाहिए, मुझे भी ऐसा ही लगता है. सालों से पवार परिवार की पीढ़ियां हर सुख-दुख में एक साथ रही हैं.''
अजित पवार ने जन्मदिन पर शरद पवार से की थी मुलाकात
पुणे में मीडिया से बात करते हुए सुनंदा पवार ने कहा, ''डिप्टी सीएम अजित पवार, उनके बेटे पार्थ, रोहित पवार सभी पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री को बधाई देने के लिए एक साथ आए थे, जब वह गुरुवार को वो 84 वर्ष के हो गए. जन्मदिन का जश्न नई दिल्ली में शरद पवार के 6, जनपथ स्थित आवास पर आयोजित किया गया.''
इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं- सुनंदा पवार
सुनंदा पवार ने कहा कि उन्हें परिवार की ओर से एकता के इस प्रदर्शन में कुछ भी राजनीतिक नजर नहीं आता. जहां तक पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सवाल है, उनका मानना सही है कि अगर पार्टी विभाजित रहने के बजाय एकजुट रहेगी, तो ऐसा ही होगा. पूरे राज्य में इसकी ताकत है.''
कार्यकर्ता पार्टी के लिए अहम- सुनंदा पवार
रोहित पवार की मां ने कहा, ''मैं पार्टी कार्यकर्ताओं की इन भावनाओं का सम्मान करती हूं. कार्यकर्ता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं और नेतृत्व को उनकी भावनाओं को समझना चाहिए.'' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और वह इतने सालों से सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही हैं.
बता दें कि अजित पवार के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद पिछले साल जुलाई में एनसीपी टूट गई थी. भारत के चुनाव आयोग ने बाद में उन्हें पार्टी का नाम और 'घड़ी' चिन्ह दिया, जबकि शरद पवार के गुट का नाम एनसीपी (शरदचंद्र पवार) रखा गया. तब से दोनों गुट एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रहे हैं.
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