Maharashtra News: महाराष्ट्र में शरद पवार और अजित पवार के साथ आने की चर्चा ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. शरद पवार गुट ने 8 और 9 जनवरी को मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में पार्टी के नेता विधायकों,सांसदों और पदाधिकारियों के साथ 2 दिन की बैठक का आयोजन किया है. आने वाले महानगर पालिका चुनाव को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी. शरद पवार सुप्रिया सुले इस बैठक में पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगी.


इस बीच शरद पवार और अजित पवार के एक साथ आने को लेकर विधायक और एनसीपी-एसपी नेता रोहित पवार ने कहा, ''अगर अजित दादा और शरद साहेब चाहें तो आ सकते हैं लेकिन मुझे नहीं पता वो आएंगे या नहीं.'' 


'हमारे सांसदों से संपर्क किया'


रोहित पवार ने कहा, ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने हमारे सांसदों से संपर्क किया लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया. सभी सांसद शरद पवार के साथ मजबूती से खड़े हैं और वे सभी जानते हैं कि उन्हें किन परिस्थितियों में चुना गया है, लोगों ने उन पर भरोसा दिखाया है और वे कहीं नहीं जाएंगे. कोई भी निर्णय जो लिया जाना है. वह हमारी पार्टी से शरद पवार और उनकी पार्टी से अजित पवार द्वारा लिया जाएगा. अटकलें राजनीति का हिस्सा हैं और ऐसा होता रहता है लेकिन तथ्य सीधे और स्पष्ट है कि हमारे नेता शरद पवार द्वारा इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.''


मेरी पार्टी के सांसद कहीं नहीं जा रहे- आव्हाड


वहीं, जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ''मैं पुष्टि कर सकता हूं कि हमारे सांसदों को पिता और बेटी को छोड़ने का प्रस्ताव मिल रहा है. फिर दूसरे खेमे में शामिल हो जाएं. एक मौके पर वे कहते हैं कि शरद पवार उनके भगवान हैं और फिर वे ऐसी रणनीति खेल रहे हैं. मुझे पूरा भरोसा है मेरी पार्टी के सांसदों पर, वे कहीं नहीं जा रहे हैं. पवार साहब ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं और पार्टी में शामिल नहीं होंगे.''



जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को एनडीए के साथ बरकरार रखने के लिए ही ऐसी झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं. शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी-एसपी में और विभाजन की खबरें सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही हैं कि एनडीए के सहयोगी नियंत्रण में रहें.   

 

रामिरी के बयान पर यह बोले जितेंद्र आव्हाड


रामगिरी महाराज ने 'जन गण मन' की जगह 'वंदे मातरम' को राष्ट्रगान बनाने की मांग की है. इस पर जितेंद्र आव्हाड ने कहा, '' वे सड़क पर आएं और 'जन गण मन' को राष्ट्रगान के रूप में प्रतिबंधित करने की मांग करें. अब इस देश में केवल यही बचा है."