Maharashtra News: डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने राजनीति करने की उम्र पर बहस छेड़ दी है और यहां तक कि अपने 83 वर्षीय चाचा शरद पवार ( (Sharad Pawar)को रिटायरमेंट तक की नसीहत दे डाली है. वहीं अब पवार परिवार के ही एक युवा नेता रोहित पवार (Rohit Pawar) ने 'उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता' बोलकर इस बहस को नई दिशा दे दी है.
शरद पवार के बड़े भाई के पोते रोहित पवार ने कहा, "जब हम 2019 में राजनीति में दाखिल हुए और विधानसभा चुनाव लड़ा, हममें से अधिकांश उनकी वजह से जीते. उम्र से बहुत फर्क पड़ता है ऐसा मुझे नहीं लगता."
शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने कहा, "चुनाव जीतने के लिए मौजूदा विधायकों की ही जरूरत होती है ऐसा नहीं होता, उम्मीदवारों की भी जरूरत होती है. बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके पास ताकत थी लेकिन संधि नहीं थी, ये घटना होने के बाद बहुत लोगों के पास संधि मिलती है. पार्टी नेताओं से नहीं कार्य़कर्ताओं से चलती है और विचारों से चलती है.''
रोहित पवार ने चाचा अजित पवार पर हमला करते हुए कहा, "पार्टी उस विचार से चलती है जो बरकरार रहती है. एक विचार को पवार साहेब ने 60 साल तक बनाए रखा.उसी विचार से हम कार्यकर्ता काम कर रहे हैं. विचार अगर आप बार-बार बदलेंगे तो लोगों का आपसे भरोसा हट जाएगा. अगर एक ही विचार रखेंगे तो लोगों का भरोसा आप पर रहेगा.''
उम्र को लेकर अजित पवार ने कही थी यह बात
दरअसल, अजित पवार ने शरद पवार को रिटायरमेंट की नसीहत देते हुए लाल कृष्ण आडवाणी का जिक्र किया था. अजित पवार ने कहा था कि हर किसी की अपनी इनिंग होती है. व्यक्ति 25 से 75 की उम्र में ज्यादा प्रोडक्टिव रहता है. एक आईएएस 60 साल में रिटायर हो जाता है. बीजेपी में 75 साल में नेता रिटायर हो जाते हैं. लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी इसका उदाहरण हैं. अजित पवार यहीं नहीं रुके और आगे शरद पवार के लिए कहा, "अब आप 83 वर्ष के हो गए हैं, क्या आप नहीं रुकने वाले हो?"
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