Who is Rohit Patil: महाराष्ट्र में कुछ महीने बाद संभवतः अक्टूबर के महीने में विधानसभा का चुनाव हो सकता है. आगामी चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. इस बीच आज आर.आर पाटिल के बेटे रोहित पाटिल पच्चीस साल के हो रहे हैं. 25 साल की उम्र पूरी करने के बाद रोहित पाटिल के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है. इसलिए कार्यकर्ता यह भी आग्रह कर रहे हैं कि रोहित पटल को इस साल तासगांव-कवथेमहांकल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहिए.
विधानसभा चुनाव लड़ेंगे रोहित पाटिल?
एबीपी माझा ने बताया कि जब रोहित पाटिल से आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अब मुझे विधानसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहिए? रोहित पाटिल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस बारे में कुछ भी कहना जरूरी या जरूरी है. रोहित पाटिल ने कहा कि अब विधानसभा के मामले में इस निर्वाचन क्षेत्र के प्रमुख कार्यकर्ता और आदरणीय पवार साहब, पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एक साथ आएंगे और निर्णय लेंगे.
उन्होंने विधानसभा चुनाव में उतरने का संकेत दिया है. साथ ही रोहित पाटिल ने कहा कि शरद पवार की वजह से ही एनसीपी लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर पाई. आने वाले समय में भी हम इसी तरह विधानसभा का सामना करने वाले हैं. किसी भी स्थिति में, पवार साहब के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार होनी चाहिए. रोहित पाटिल ने ये भी कहा कि हमारा लक्ष्य है कि एनसीपी नंबर वन पार्टी बनी रहे.
रोहित पाटिल ने कहा, मैं कई दिनों से विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहा हूं. यात्राएं कर रहा हूं, लोगों के मुद्दों को समझ रहा हूं. आबा कुछ और काम करना चाहते थे, लेकिन उनके निधन के कारण कुछ काम नहीं हो पाये. रोहित पाटिल ने कहा कि हम उन कार्यों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. कई काम पूरे भी हो चुके हैं. रोहित पाटिल ने कहा कि हमारा मानना है कि लोगों की उम्मीदें काम से पूरी होनी चाहिए.
1997 में, आबा ने एमआईडीसी को निर्वाचन क्षेत्र में ही लाने की कोशिश की. हालांकि, रोहित पाटिल ने कहा कि उस वक्त विरोधियों ने गलतफहमी के कारण इस प्रोजेक्ट को रोक दिया था. रोहित पाटिल ने कहा कि छह महीने पहले तासगांव कवठे महांकाल के लिए एमआईडीसी को मंजूरी दी गई थी. पाटिल ने कहा कि मैं कई कंपनियों से चर्चा कर रहा हूं.
कौन हैं रोहित पाटिल?
रोहित पाटिल आर.आर. पाटिल के पुत्र हैं. 1998 में जन्मे रोहित ने एक राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमी और सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर के रूप में अपनी पहचान बनाई है. उनके पिता आर.आर. पाटिल 1991 से 2015 तक तासगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे. रोहित के चुनावी भाषणों ने लोगों का ध्यान खींचा है और उन्होंने कवठे महांकाल नगर पंचायत चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को जीत मिली और अधिकतम सीटें जीतीं.
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