Nagpur News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा है कि जांचे-परखे बगैर किसी भी आस्था या विश्वास को खारिज नहीं किया जाना चाहिए.


विज्ञान और आस्था नहीं किया जाना चाहिए खारिज
भागवत ने वेदों से ज्ञान प्राप्त करने और उनके प्रसार के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि न तो विज्ञान और न ही आस्था को सिरे से खारिज किया जाना चाहिए. उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां डॉ चेन्नाकेशव शास्त्री की पुस्तक 'वैदिक फिलॉसॉफिकल रेमेडीज' के विमोचन के अवसर पर यह बात कही.


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लुप्त हो गए है कुछ पारंपरिक ज्ञान
आरएसएस प्रमुख ने कहा, "किसी भी आस्था (श्रद्धा) को बिना जांचे परखे अंधविश्वास कहना सही नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए. कुछ लोग वेदों को खारिज करते हैं और कुछ विज्ञान को खारिज करते हैं. दोनों अतिवादी दृष्टिकोण हैं." भागवत ने कहा कि इस तरह की अतिवादी सोच के कारण हमारे कुछ पारंपरिक ज्ञान को खारिज कर दिया गया और वह लुप्त हो गया.


तीन अप्रैल को कश्मीरी पंडितों को संबोधित करेंगे संघ प्रमुख
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय नवरेह उत्सव के अंतिम दिन तीन अप्रैल को कश्मीरी पंडित समुदाय को ऑनलाइन संबोधित करेंगे. बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रवक्ता जी एल रैना के मुताबिक, यह पहला अवसर होगा, जब भागवत कश्मीरी पंडित समुदाय को संबोधित करेंगे. रैना ने कहा, "संघ प्रमुख मोहन भागवत तीन अप्रैल को विस्थापित समुदाय को डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगे. पिछले साल, वह इस समुदाय को संबोधित नहीं कर पाए थे."


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