Caste Based Census: 'RSS नहीं चाहता कि पिछड़े वर्ग...', जाति आधारित जनगणना पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस ने साधा निशाना
RSS: आरएसएस के जाति आधारित जनगणना पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने उसपर निशाना साधा है. जानिए उन्होंने क्या कहा है.
RSS on Caste Based Census: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे के जाति आधारित जनगणना पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को कहा कि आरएसएस नहीं चाहता कि पिछड़े वर्ग के लोग प्रगति करें. विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने कहा कि आरएसएस के लिए राष्ट्रव्यापी जाति गणना का विरोध करना स्वाभाविक है. विदर्भ सह-संघचालक गाडगे ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि इस तरह की कवायद से कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है, क्योंकि इससे यह डेटा मिलेगा कि किसी निश्चित जाति की आबादी कितनी है, लेकिन यह सामाजिक रूप से और राष्ट्रीय एकता के संदर्भ में अच्छा नहीं है.
क्या बोले श्रीधर गाडगे?
गाडगे की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘आरएसएस द्वारा जाति जनगणना का विरोध करना स्वाभाविक है क्योंकि हम जानते हैं कि उनकी (सोचने की) दिशा क्या है. वे नहीं चाहते कि राज्य में हो या राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़े वर्ग के लोग प्रगति करें. उनकी सोच है कि वे पिछड़े रहें और उनके गुलाम बने रहें. यही उनकी विचारधारा है जिसे हर कोई जानता है.’’ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता वडेट्टीवार नागपुर में विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है. वडेट्टीवार ने कहा कि वे (आरएसएस) जानते हैं कि अगर राष्ट्रव्यापी जाति-आधारित जनगणना की जाती है, तो लोग अपनी आबादी के अनुपात में अपना अधिकार मांगेंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वे जानते हैं कि ऐसी जनगणना पिछड़े समुदायों को मजबूत करेगी और (उनके सदस्य) उन्हें (आरएसएस) चुनौती देंगे.’’
क्या बोले कांग्रेस?
वडेट्टीवार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना जरूरी है क्योंकि इस तरह की कवायद से महाराष्ट्र में जो चल रहा है उसका समाधान खोजने में मदद मिलेगी, जहां मराठा ने सामाजिक पिछड़ेपन का हवाला देते हुए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. उन्होंने कहा, ‘‘आप यह कैसे तय करेंगे कि किसे क्या मिलेगा? आपको यह पता लगाना होगा कि ओबीसी और अन्य समुदाय कितने हैं और वे कितने शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन का सामना करते हैं.’’ कांग्रेस देशव्यापी जाति जनगणना की मांग कर रही है और उसके नेताओं ने हाल में हुए विधानसभा चुनावों में खासकर हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इसे एक मुद्दा बनाया, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विजयी हुई.
अक्टूबर की शुरुआत में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य में दो चरण में आयोजित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए. बिहार में गठबंधन सरकार का नेतृत्व नीतीश की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) कर रही है, जो विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का एक घटक है.