महाराष्ट्र के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. भ्रष्टाचार मामले में मंगलवार (22 अक्टूबर) को कोर्ट ने जमानत दे दी. एनकाउंटर स्पेशलिस्ट वाजे फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. एंटीलिया मामले में उनके खिलाफ केस चल रहा है और वो जेल में बंद हैं.


100 करोड़ की कथित वसूली का मामला


महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे कथित 100 करोड़ की वसूली मामले में वाजे को गिरफ्तार किया गया था. 100 करोड़ की कथित वसूली मामले में सचिन वाजे को अप्रूवर बनाया गया जिसका कंसेंट एएसजी राजा ठाकरे ने दिया था. इसी  मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी आरोपी हैं. जिन्हें पहले जमानत मिल चुकी है.


जमानत की शर्तें तय करेगी सीबीआई की स्पेशल कोर्ट


जस्टिस एमएस सोनक की अध्यक्षता वाली पीठ ने वाजे को जमानत दी. साथ ही कहा कि जमानत की शर्तें सीबीआई कोर्ट की तरफ से तय की जाएंगी. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने जून 2022 में वाजे को सरकारी गवाह घोषित किया था.  उन्हें मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटकों से भरी गाड़ी मिलने और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में कथित भूमिका के लिए मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था.


सीबीआई ने रिहा करने के अनुरोध का किया विरोध


इस समय ज्यूडिशियल कस्टडी के तहत जेल में बंद वाजे ने जमानत पर रिहा करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह मामले में सरकारी गवाह है और मामले के अन्य आरोपी को जमानत के मद्देनजर समानता के आधार पर उसे भी जमानत दी जानी चाहिए. उनके वकील अबाद पोंडा ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि सरकारी गवाह घोषित किए जाने के बावजूद उनके मुवक्किल को कारागार में रखना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लघंन है. 


इस पर सीबीआई ने अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी कि वाजे को अबतक मामले में बरी नहीं किया गया है और उन्हें जमानत देना मामले के हित में नहीं होगा. बता दें कि हाई कोर्ट ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए देशमुख पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था.


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