NIA Gets Custody Of Salim Fruit: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को एक विशेष अदालत को बताया कि भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के साथ कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट, गैंगस्टर और उसके गिरोह, डी कंपनी के नाम पर धमकी जारी करके "संपत्ति के अनाधिकृत अधिग्रहण में लिप्त" था. कुरैशी को एनआईए ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था और शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया. विशेष न्यायाधीश बी डी शेल्के ने कुरैशी को 17 अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया.
एनआईए ने कुरैशी की 15 दिनों की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि वह डी गिरोह के सदस्यों द्वारा किए गए जबरन वसूली की जांच करना चाहती है, जिसके माध्यम से बिल्डरों सहित लोगों को धमकी दी गई थी. दाऊद इब्राहिम और उसके प्रमुख सहयोगी छोटा शकील ने अवैध रूप से संपत्तियों के अधिग्रहण को अंजाम दिया.
एनआई ने देश में 29 जगहों पर ली थी तलाशी
एनआईए की ओर से कोर्ट में दी गई दलीलों के मुताबिक, एजेंसी ने मई में देशभर में 29 जगहों की तलाशी ली थी. 10,000 से अधिक पृष्ठों वाले दस्तावेज़ बरामद किए गए, जिनमें शहर भर में विभिन्न संपत्तियों के विवरण भी शामिल हैं. एनआईए ने दावा किया कि कुरैशी के पास से संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं. कुरैशी के वकील विकार राजगुरु ने अदालत को सूचित किया कि उनका मुवक्किल एक केमिस्ट की दुकान चलाता है और एक रियल एस्टेट एजेंट भी है और इसलिए बिल्डरों द्वारा उसे भेजे गए कई प्रस्तावों तक उसकी पहुंच है. उन्होंने दावा किया कि एनआईए ने एक भी संपत्ति की पहचान नहीं की है.
हालांकि, एनआईए ने दावा किया कि उसने फोरेंसिक ऑडिटर्स को लगाया है और प्रमुख स्थानों पर दो संपत्तियों का विवरण पाया है जिन्हें धमकी जारी करके कब्जा किया जा रहा है. एजेंसी ने कहा कि पांच गवाहों के बयान दर्ज किए गए और आगे की जांच जारी है. एनआईए ने अदालत के समक्ष कहा, "जब दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की गई, तो उसने (कुरैशी) टालमटोल कर जवाब दिया और जांच को गुमराह किया, इसलिए उसकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है."
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अदालत ने कुरैशी की हिरासत को दी मंजूरी
कुरैशी के वकील ने अदालत को बताया कि उसके मुवक्किल को "बलि का बकरा" बनाया जा रहा है क्योंकि वह शकील से संबंधित है. कुरैशी की शादी शकील की भाभी से हुई है. उन्होंने कहा कि कुरैशी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था और वह पहले जबरन वसूली के एक मामले में बरी हो चुके थे. एनआईए ने अदालत को बताया कि दस्तावेज प्रथम दृष्टया गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत अपराधों का खुलासा करते हैं. अदालत ने आगे की जांच के लिए एनआईए कुरैशी की हिरासत को मंजूरी दे दी. कुरैशी का नाम पहले एनसीपी मंत्री नवाब मलिक और अन्य के खिलाफ कुर्ला में एक संपत्ति के संबंध में ईडी की जांच में सामने आया था.
इस बीच, एनआईए ने इसी मामले में मई में गिरफ्तार किए गए दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का और समय मांगा. एजेंसी ने अदालत को बताया कि इस मामले की जांच "भारी" थी और अन्य 90 दिनों की आवश्यकता थी क्योंकि यह भारत के भीतर प्रतिबंधित नहीं था, बल्कि पड़ोसी देशों में भी फैला हुआ था.