महाराष्ट्र में फिर उठी मुसलमानों को आरक्षण देने की मांग, सपा MLA ने सीएम शिंदे को लिखी चिट्ठी
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग की जा रही है. अब सपा के एक नेता ने इस मुद्दे को सीएम एकनाथ शिंदे के सामने उठाया है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के लिए मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) विधेयक विधानसभा में पारित हो गया है. अब राज्य में मुस्लिम समुदाय को इसी प्रकार आरक्षण का लाभ दिए जाने की मांग तेज हो गई है. यह मांग समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एक विधायक ने की है. सपा के विधायक रईस शेख (Rais Shaiksh) ने सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में रईस ने राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मुस्लिम समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की.
ठाणे जिले के भिवंडी से विधायक रईस शेख ने शुक्रवार को अपने चिट्ठी की एक कॉपी मीडिया के साथ भी शेयर की. महाराष्ट्र विधानमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़े एक विधेयक को मंजूरी दी है. रईस शेख ने अपने पत्र में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर मुस्लिमों को शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया था जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था, लेकिन अध्यादेश कानूनी रूप नहीं ले पाया.
रईस ने आरक्षण की मांग के पीछे दिया यह तर्क
रईस शेख ने कहा कि आरक्षण की मांग समुदाय के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर की जा रही है और इससे समुदाय की करीब ‘‘50 उप-जातियों’’ को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि वह मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हैं. सपा नेता ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण में छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. रईस शेख ने कहा कि महाराष्ट्र की कुल आबादी में 11.5 प्रतिशत मुस्लिम हैं और जस्टिस राजेंद्र सच्चर आयोग (2006) और जस्टिस रंगनाथ मिश्रा समिति (2004) ने समुदाय के पिछड़ेपन की बात को माना है. सपा नेता ने कहा कि 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने डॉ.एम आर कमिटी का गठन किया था. इसने शिक्षा और नौकरी में मुस्लिम समुदाय को 8 प्रतिशत आरक्षण देने का सुझाव दिया था.
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