Delhi High Court: भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी और एनसीबी के पूर्व मुंबई जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को राहत देते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि उनके खिलाफ होने वाली किसी भी विभागीय जांच में एसईटी द्वारा दर्ज किए गए सबूतों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. किसी भी विभागीय जांच में जो उसके खिलाफ हो सकती है. कोर्ट के इस आदेश के बाद समीर वानखेड़े के उस दावे को बल मिलता है जहां वो पहले दिन से आरोपों को बेबुनियाद और गलत बताते रहे हैं.
कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
एसईटी एक आंतरिक सतर्कता जांच है जिसे एनसीबी ने अपने तत्कालीन उप महानिदेशक (उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह के अन्तर्गत अक्टूबर 2021 कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग भंडाफोड़ मामले की जांच कर रही समीर वानखेड़े के नेतृत्व वाली टीम द्वारा कथित कदाचार की जांच के लिए स्थापित किया था. आरोप लगा की कोर्डलिया ड्रग्स प्रकरण में अभिनेता शाहरुख खान की बेटे आर्यन खान को कथित तौर पर फंसाया गया और प्रकरण में नियमों का उल्लंघन हुआ.
IRS अधिकारी समीर वानखेड़े ने पहले दिल्ली में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की मुख्य पीठ के 21 अगस्त, 2023 के आदेश को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट ने समीर वानखेड़े की याचिका पर कार्यवाही करते हुए, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और शलिंदर कौर की खंडपीठ ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों का उपयोग किसी कर्मचारी को विभागीय जांच में दोषी ठहराने के लिए नहीं किया जा सकता है. हाई कोर्ट ने आगे कहा कि कैट ने अपने अगस्त 2023 के आदेश में पहले ही इस पहलू को स्पष्ट कर दिया था.
हाई कोर्ट के आदेश में उल्लिखित प्रासंगिक पैराग्राफ में कहा गया था कि ज्ञानेश्वर सिंह, कॉर्डेलिया ड्रग भंडाफोड़ मामले की जांच में सक्रिय रूप से शामिल होने के कारण एसईटी का हिस्सा नहीं होना चाहिए था, जिसे कथित प्रक्रियात्मक जांच के लिए गठित किया गया था. सरकार ने कैट के इस निष्कर्ष को स्वीकार कर लिया कि ज्ञानेश्वर सिंह को एसईटी का अध्यक्ष नहीं होना चाहिए था जबकि वह खुद आर्यन खान मामले की निगरानी कर रहे थे.
हाई कोर्ट ने भी इस पर सहमति व्यक्त की. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हाई कोर्ट ने कहा कि SET द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य और ज्ञानेश्वर सिंह को एसईटी का अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता है. अब इसका इस्तेमाल समीर वानखेड़े के खिलाफ किया गया है, इसलिए ज्ञानेश्वर की अध्यक्षता वाली एसईटी निरर्थक हो गई है. इस कोर्ट के आदेश पर एबीपी न्यूज़ ने समीर वानखेड़े से प्रतिक्रिया ली. समीर वानखेड़े ने मामला कोर्ट में लंबित होने का हवाला देते हुए है प्रतिक्रिया में ‘सत्यमेव जयते’ कहा.
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