Sameer Wankhede: अपने ऊपर दर्ज मामले को लेकर Bombay HC पहुंचे समीर वानखेड़े, की रद्द FIR करने की मांग
Sameer Wankhede: समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में याचिका दायर धोखाधड़ी मामले दर्ज एफआईआर (FIR) को रद्द करने की मांग की है.
Sameer Wankhede Bar licence Canclled Case: मुंबई एनसीबी के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है. समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में याचिका दायर धोखाधड़ी मामले दर्ज एफआईआर (FIR) को रद्द करने की मांग की है. समीर वानखेडे़ की इस याचिका पर हाई कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है. इतना ही नहीं एक अन्य याचिका में समीर ने कोर्ट से मांग की है उनके ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के बाद उनके बार लाइसेंस की फिर से बहाली कर दी जाए.उन्होंने अपनी याचिका में ठाणे कलेक्टर द्वारा रद्द किए गए बार लाइसेंस की बहाली की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की है.
क्यों रद्द हुआ लाइसेंस
यहां बता दें कि नवी मुंबई में समीर वानखेड़े का एक होटल एवं बार है जिसके लाइसेंस को लेकर कई आरोप उन पर लगाए गए हैं. ठाणे के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने इस लाइसेंस को रद्द करते हुए बताया कि लाइसेंस गलत तथ्य पेश कर और धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था. अधिकारी ने बताया कि उन्हें पहले नोटिस जारी किया गया था. नोटिस पर उनके जवाब और मामले की जांच के बाद, जिलाधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे कि वानखेड़े ने 27 अक्टूबर 1997 को लाइसेंस प्राप्त किया था, जब उनकी आयु 21 साल की मान्य उम्र के बजाय 18 साल से कम थी. आदेशानुसार, लाइसेंस रद्द करने के लिए निषेध अधिनियम की धारा 54 लागू की गई है.
Former Mumbai NCB zonal director Sameer Wankhede moves Bombay HC seeking quashing of FIR by Thane Police against alleged fraudulent bar license; hearing tomorrow pic.twitter.com/r0URe3YJ8h
— ANI (@ANI) February 21, 2022
नवाब मलिक ने लगाए थे कई आरोप
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने पिछले साल नवंबर में दावा किया था कि वानखेड़े का नवी मुंबई के वाशी में एक परमिट रूम और बार है, जिसके लिए लाइसेंस 1997 में प्राप्त किया गया था जब वह नाबालिग थे और इसलिए यह अवैध है.मलिक ने यह भी कहा था कि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद वानखेड़े के पास परमिट रूम चलाने का लाइसेंस है, जो सेवा नियमों के खिलाफ है. वानखेड़े ने हालांकि तब मंत्री के दावों को खारिज कर दिया था. राज्य के आबकारी विभाग ने बाद में वानखेड़े को उसके द्वारा प्राप्त ‘बार’ के लाइसेंस के संबंध में नोटिस जारी किया था.
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