Sanjay Nirupam on Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति गरमा गई है. एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने अब उद्धव ठाकरे को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने दावा किया है कि शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे दक्षिण अफ्रीका के दागदार और विवादित 'गुप्ता बंधु' से मिलने गए थे. 


संजय निरुपम ने दावा किया, "उद्धव ठाकरे ज़ोरदार तरीके से दिल्ली गए थे. उन्होंने छुप कर साउथ अफ़्रीका से फरार आरोपी गुप्ता बंधुओं में से किसी एक से मिलाकात की और फिर संजय राउत के घर 7 अगस्त की देर रात बैठक हुई." अब संजय निरुपम ने सवाल उठाया है कि किया यह 'सीक्रेट मीटिंग' विधानसभा चुनाव में फंडिंग के बारे में थी? 


संजय राउत के घर पर क्यों ठहरे उद्धव ठाकरे?
इतना ही नहीं, संजय निरुपम ने यह सवाल भी उठाया कि उद्धव ठाकरे परिवार सहित संजय राउत के घर पर क्यों ठहरे? वह फाइव स्टार होटल में रुकते हैं. ऐसे में संजय राउत के घर में रुकने की वजह है कि उन्होंने अनिल या अजय गुप्ता से मुलाकात की है. 


संजय निरुपम ने उठाई जांच की मांग
इसी बीच संजय निरुपम ने कहा कि सांसद के घर आने-जाने वाली गाड़ियों का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया जाता है, ऐसा केवल मंत्रियों के साथ होता है. इसलिए हम दिन और समय बताने को तैयार हैं, वहां लगे सीसीटीवी कैमरा की जांच की जानी चाहिए.



'महाराष्ट्र को वजह बताएं उद्धव ठाकरे'
इसके अलावा, संजय निरुपम ने ये सवाल भी उठाए कि क्या बाबा साहनी की आत्महत्या से उद्धव ठाकरे का कुछ लेना-देना है? उद्धव ठाकरे का गुप्ता बंधुओं से कोई लेन-देन का रिश्ता है? दावा किया जा रहा है कि ठाकरे परिवार का बड़ा निवेश विदेश में है. ऐसे में साउथ अफ़्रीका में इन्वेस्टमेंट का क्या गुप्ता बंधुओं से भी ताल्लुक है? संजय राउत का कहना है कि उद्धव ठाकरे छुप कर दागदार व्यापारियों से क्यों मिले, इसकी वजह महाराष्ट्र को बताएं.


गुप्ता बंधुओं ने किया था अरबों का घोटाला
जानकारी के लिए बता दें, गुप्ता बंधुओं में अजय, अतुल और राजेश गुप्ता शामिल हैं. इनमें से किसी एक की उद्धव ठाकरे से मुलाकात का दावा किया जा रहा है. गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारत तक विवादों में रहे हैं और अलग-अलग मामलों में जेल जा चुके हैं. 


ये सभी साल 1992 में साउथ अफ़्रीका गए. वहां, कंप्यूटर, माइनिंग, मीडिया और ज्वेलरी का काम किया और पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा पार्टनर बने. इसके कुछ समय बाद अरबों डॉलर का घोटाला सामने आया और जुमा को राष्ट्रपति पद से हटाया गया. फिलहाल, तीनों गुप्ता बंधु फरार थे और उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. दो भाइयों को दुबई से अरेस्ट किया गया था. 


उत्तराखंड के बिल्डर सुसाइड केस में भी हुए थे अरेस्ट
गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता भारत में ही है. उस पर उत्तराखंड के एक बिल्डर सत्येंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था, जिसके लिए उसे जेल भी हुई थी. बताया जाता है कि बाबा साहनी डेढ़ हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बना रहे थे, जिसके लिए उन्होंने अजय और अनिल गुप्ता से फंडिंग ली थी. बाबा साहनी ने अपनी बेटी के घर की 8वीं मंजिल से कूद कर जान दे दी थी. 


बिल्डर की जेब से पत्र मिला था जिसमें अजय और अनिल द्वारा ख़ुदकुशी के लिए प्रेरित करने का दावा किया गया था. अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता को उत्तराखण्ड पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. अब संजय निरुपम का सवाल है कि क्या ऐसे आरोपियों से उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की है? 


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