शिंदे गुट के नेताओं की सुरक्षा घटाने पर बोले संजय निरुपम, 'जिनसे खतरा हो सकता था वह...'
Maharashtra Politics: शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि बहुत सारे लोगों के संदर्भ में सुरक्षा को लेकर रिव्यू हुआ. सरकार और पुलिस को समझ में आया कि इनकी सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

Maharashtra News: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के विधायकों और नेताओं की सुरक्षा में कटौती का मामला अभी भी चर्चा का विषय है. इस बीच शिवसेना नेता संजय निरुपम की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जिनसे पहले खतरा हो सकता था वो अब खुद बेहाल हैं, ऐसे में सुरक्षा कम कर दी गई है.
संजय निरुपम ने शिंदे गुट के नेताओं की सुरक्षा घटाए जाने पर कहा, "दो से 2.5 साल पहले जब एकनाथ शिंदे पार्टी से अलग हुए थे और बड़े पैमाने पर शिवसेना नेता पार्टी से अलग होकर हमारे साथ जुड़े थे तब उनकी सुरक्षा पर खतरा होने की आशंका थी जिसे देखते हुए सरकार ने उनके लिए सुरक्षा के प्रबंध किए थे.''
'अब खतरा नहीं है इसलिए सुरक्षा कम की गई'
मुंबई में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में शिवसेना नेता संजय निरुपम ने आगे कहा, ''ढाई साल बाद जिनसे खतरा हो सकता था वे लोग खुद ही मरे खपे पड़े हुए हैं. तो उनसे अब कोई खतरा है ही नहीं. ऐसे में निश्चित तौर पर बहुत सारे लोगों के संदर्भ में सुरक्षा को लेकर रिव्यू हुआ. सरकार और पुलिस को समझ में आया कि इनकी सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है इसलिए सुरक्षा कम कर दी गई."
शिंदे गुट के नेताओं की सुरक्षा घटाई गई
बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायक और नेताओं की सुरक्षा कम कर दी है गई है, जिससे शिवसेना में नाराजगी की बात भी की जा रही थी. शिवसेना विधायक और नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा थी. वहीं अब शिवसेना विधायकों की सुरक्षा के लिए अब सिर्फ एक ही पुलिस कर्मचारी तैनात रहेगा.
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार में बदलाव के मद्देनजर कुछ राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा को घटा दिया गया. उनका कहना था कि बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में, ज्यादातर नेताओं को पहले की तरह खतरा नहीं है इसी वजह से सिक्योरिटी को कम कर दिया गया.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

