Maharashtra Politics: NCP अध्यक्ष पर बयान के बाद संजय राउत की प्रकाश अंबेडकर को नसीहत, बोले- 'अपनी भाषा पर ध्यान...'
Sanjay Raut Statement: कुछ दिन पहले प्रकाश अंबेडकर ने एनसीपी सुप्रीमो पर एक बयान दिया था जिसपर एनसीपी ने निशाना साधा था. आज संयत राउत ने VBA अध्यक्ष को नसीहत दी है. जानिए उन्होंने क्या कहा है.
Sanjay Raut on Prakash Ambedkar: वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन के बमुश्किल पांच दिन बाद शुक्रवार को दो नए सहयोगियों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने वीबीए अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार के बारे में बात करते हुए शब्दों पर ध्यान रखने की सलाह दी. वह अंबेडकर की इस टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे कि पवार अभी भी बीजेपी के साथ हैं. 23 जनवरी को वीबीए-सेना (यूबीटी) साझेदारी की घोषणा के तुरंत बाद अंबेडकर ने उक्त टिप्पणी की जिससे एक नया राजनीतिक विवाद छिड़ गया.
संजय राउत ने दी तीखी प्रतिक्रिया
संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम शरद पवार पर अंबेडकर के बयान से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं. संजय राउत ने कहा, कांग्रेस और राकांपा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) विपक्षी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी हैं. हम अंबेडकर से अनुरोध करेंगे कि वह अब से शरद पवार के बारे में बोलते हुए अपने शब्दों पर ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि अतीत के मतभेदों को दूर रखते हुए सभी को एमवीए में मिलकर काम करना चाहिए और आगे की राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत संयुक्त मोर्चा तैयार करना चाहिए.
'राजनीति में कोई भी दल एक-दूसरे का दुश्मन नहीं'
राउत की फटकार से प्रभावित अंबेडकर ने यह कहते हुए पलटवार किया कि अगर यही सलाह शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से आती तो वे बाध्य होते. वीबीए प्रमुख ने दोहराया कि राजनीति में कोई भी दल एक-दूसरे का दुश्मन नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ फिर से गठजोड़ नहीं करेगी. अंबेडकर ने यह भी कहा कि यदि बीजेपी अपनी 'मनुस्मृति' को खारिज करती है तो उनके साथ चर्चा होगी क्योंकि तानाशाही को रोकना और लोकतंत्र को बचाना समय की मांग है जिसके लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए.
23 जनवरी को दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की 97वीं जयंती पर, सेना (यूबीटी)-वीबीए ने औपचारिक रूप से आगामी निकाय चुनावों के लिए अपने बहुप्रतीक्षित 'शिव शक्ति-भीम शक्ति' राजनीतिक गठबंधन की घोषणा की. हलांकि, कांग्रेस और एनसीपी ने सावधानी से नई साझेदारी का स्वागत किया था. हालांकि, वे कथित तौर पर इसकी प्रभावकारिता पर आपत्ति जताते हैं.