Maharashtra Politics: बीते कुछ दिनों पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र की नवनियुक्त डिप्टी सीएम अजित पवार की पुणे में मुलाकात से प्रदेश की सियासत में सरगर्मियां तेज हो गई. सियासी गलियारों इस पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. उनकी इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद और शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि, 'उनकी ये मुलाकात राजनीति से परे थी. उन्होंने दोनों की मुलाकात का बचाव करते हुए कहा कि शरद पवार और अजित पवार कई गैर राजनीतिक संगठनों के लिए काम कर रहे हैं, ये संगठन समय-समय पर गुप्त बैठकें करते हैं. जो उनके काम काज में शुमार है. 


संजय राउत ने सामना के साप्ताहिक लेख रोकठोक में उनकी बैठक और दोनों की राजनीतिक तरीकों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि, 'कई विशेषज्ञ महाराष्ट्र में पवार परिवार की राजनीति को समझने में नाकाम रहे हैं.' सांसद संजय राउत ने बाला साहेब ठाकरे का एक लेख का जिक्र करते हुए कहा कि, 'बाला साहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के सियासी नेताओं पर एक कार्टून बनाया था, जहां उन्होंने शरद पवार को एक वुडपिकर (कठफोड़वा) के रुप में दर्शाया था जो कुर्सियों में छेद कर सकता है. मुझे लगता है कि अजित पवार एक वुडपिकर के रुप में उभर रहे हैं. उन्होंने एनसीपी में छेद  कर दिया है.' 


संजय राउत ने सीएम शिंदे को लेकर किया ये दावा


महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'इस वुडपिकर (अजित पवार) का इस्तेमाल देवेंद्र फडणवीस एकनाथ शिंदे की कुर्सी में छेद करने के लिए कर रहे हैं. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की है. उन्होंने दावा किया कि ये प्रतिनिधिमंडल मानता है कि सीएम शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी के सियासी सेहत के लिए नुक्सानदेह है. राउत ने कहा फिर भी सीएम शिंदे दावा कर रहे हैं कि 2024 विधानसभा चुनावों में वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि अगर वाकई ऐसा है तो अजित पवार को इस गठबंधन में शामिल नहीं होना चाहिए था.


दोनों की बैठक से भ्रम पैदा होना लाजमी- संजय राउत


हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, संजय राउत ने अजित पवार पर तंज कसते हुए कहा कि, 'अजित पवार को शरद पवार राजनीति में लेकर आये हैं, आज अजित पवार जो कुछ भी हैं वे शरद पवार की वजह से हैं. इन सबके बावजूद अजित पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है.' उन्होंने कहा कि राजनीतिक उठापटक के बीच वे मुलाकात कर रहे हैं, तो लोगों में भ्रम पैदा होना लाजमी है. हालांकि जहां तक मैं जानता हूं ये बैठक गैर राजनीतिक थी. शरद पवार कई शैक्षणिक और कृषि संस्थानों के लिए काम कर रहे हैं, इसमें उन्होंने अजित पवार को भी जोड़ा है. शायद ये बैठक इन्हीं सस्थानों के फ्यूचर प्रोग्राम को लेकर था.


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