Maharashtra Politics: जेल हो गई, अब फांसी; शिंदे-फडणवीस सरकार को संजय राउत की चुनौती
Sanjay Raut Statement: संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए विधानमंडल को चोर मंडल बताया था, जिसके बाद सत्ता पक्ष के लोगों ने इसे लेकर हंगामा किया. विपक्षी नेताओं ने उनके बयान की निंदी की थी.
Maharashtra News: उद्धव गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) शिंदे गुट पर लगातार जुबानी हमले कर रहे हैं. पार्टी से नाम शिवसेना और चुनाव चिन्ह हाथ से जाने के बाद राउत एक के बाद एक बयान दे रहे हैं. महाराष्ट्र के कोल्हापुर (Kolhapur) में उन्होंने बड़ा बयान दिया है. इसबार राउत ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) गुट के विधायकों को चोरी का गिरोह बता दिया है. साथ ही उन्होंने शिंदे सरकार (Maharashtra government) को चैलेंज कर दिया है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अब फांसी पर चढ़ाने जा रहे हो तो फांसी पर चढ़ा दो. अधिकार उल्लंघन समिति के नोटिस और 3 मार्च तक जवाब मांगे जाने के बाद उन्होंने यह बात कही है.
कानून व्यवस्था को लेकर उठाया सवाल
संजय राउत से जब संदीप देशपांडे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, किसी पर इस तरह हमला करना उनके लिए ठीक नहीं है. लगातार मुखर होकर बोल रहे सांसद राउत ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाया और महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उनका कहना है कि संदीप देशपांडे पर अज्ञात लोगों ने हमला किया. उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर भी सवालिया निशाना खड़ा किया. अधिकार उल्लंघन समिति पर हमला बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि, सरकार अवैध होने से चीजें अवैध रूप से चल रही हैं. राउत ने कहा कि देश को अपमानित करने वाला मैंने कोई भी बयान नहीं दिया है. उन्होंने यह बात एक खास ग्रुप को लेकर कही थी, पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर यह बात कही गयी थी.
विधानमंडल को बताया था चोर मंडल
कसबा पेठ सीट को बीजेपी के हारने पर भी राउत ने हमला बोला. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई है. राउत ने कहा कि महाविकास अघाड़ी मजबूती से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी की एकजुटता के नतीजे सामने आ रहे हैं. बता दें कि राउत के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति गर्माती जा रही है. उनके बयान के बाद जमकर हंगामा हुआ था और भारतीय जनता पार्टी ने कार्रवाई की मांग की थी. संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए विधानमंडल को चोर मंडल बताया था, जिसके बाद सत्ता पक्ष के लोगों ने इसे लेकर हंगामा किया.