Maharashtra News: शिवसेना नेता और बीएमसी की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जाधव पर हुई आयकर विभाग की कार्रवाई और उनके पास से  कथित तौर पर करोड़ों के कुछ लेन-देन का उल्लेख करने वाली एक डायरी मिलने की बात को संजय राउत ने खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ऐसी डायरी सबूत नहीं हो सकती. 


संजय राउत के साथ-साथ एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी इसे लेकर शिवसेना नेता का बचाव किया है. संजय राउत ने बीजेपी पर हमला करते हुए दावा किया कि अगर केंद्रीय जांच एजेंसियां ​​झूठे मामले गढ़ रही हैं, तो बहुत संभव है कि वे इस तरह की झूठी डायरी भी बना सकते हैं.


उन्होंने बिरला-सहारा और जैन डायरियों का जिक्र करते हुए तीन डायरियों का मुद्दा भी उठाया. कथित तौर पर "जाधव से जुड़ी" डायरी को आईटी विभाग ने अपनी तलाशी के दौरान बरामद किया था और उनके द्वारा मिली दो संदिग्ध डायरी प्रविष्टियों में से पहली प्रविष्टि कथित तौर पर "मातोश्री को 50 लाख रुपये की घड़ी" कहती है, जबकि दूसरी प्रविष्टि में "2 करोड़ रुपये" लिखा है.


संजय राउत ने कहा, "क्या मातोश्री का मतलब मां नहीं हो सकता? महाराष्ट्र में दान की संस्कृति है. मैंने उनका बयान सुना और उन्होंने कुछ पैसे दान के रूप में दिए होंगे. हमारे पास डायरी लिखने की संस्कृति नहीं है.” यहां बता दें कि मातोश्री बांद्रा पूर्व में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास का नाम है. हालांकि, जाधव ने कहा है कि मातोश्री का मतलब उनकी मां से था और उन्हें 2 करोड़ रुपये दान में मिले, जिसका इस्तेमाल उन्होंने महाराष्ट्रीयन नए साल के दौरान उपहार के रूप में बांटने के लिए किया था, जो कि गुड़ी पड़वा है.


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राउत ने दिलाई बिड़ला-सहारा डायरी की याद


राउत ने बिड़ला-सहारा डायरी को आगे बढ़ाया - कागजात की एक किश्त जो आयकर विभाग द्वारा कथित तौर पर बड़े निगमों द्वारा कई नेताओं को रिश्वत देने के सबूत के साथ बरामद की गई थी - जिसमें गुजरात सरकार के लोग भी शामिल थे.


राउत ने आरोप लगाया, “हम देश के इतिहास में बिरला-सहारा डायरी और जैन जैसी कुछ ही डायरी जानते हैं. इन डायरियों की प्रविष्टियां बताती हैं कि कैसे गुजरात और केंद्र में रहने वाले नेताओं सहित करोड़ों का भुगतान किया गया.'' उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई, जिसने इन डायरियों की जांच की, ने कहा कि डायरियों में भाजपा नेताओं के नाम सामने आए और केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि ये डायरियां भरोसेमंद नहीं थीं. राउत ने पूछा,  फिर आप हमारे नेताओं का जिक्र क्यों कर रहे हैं? डायरी सबूत नहीं हैं. अगर भाजपा से प्रेरित केंद्रीय एजेंसियां ​​झूठे सबूत, झूठे मामले बना सकती हैं, तो डायरी क्यों नहीं बनाई जा सकती.''


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