Sanjay Raut Interview: ठाकरे समूह के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत लगातार ठाकरे समूह का पक्ष रख रहे हैं. वे आए दिन मीडिया के सामने आते हैं और सरकार को निशाने पर रखते हैं. इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने आवाज कुणाचा के पॉडकास्ट से लाइव इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में उन्होंने बाला साहेब के साथ अपने रिश्ते पर शिवसेना की भूमिका को लेकर भी स्पष्ट राय जाहिर की है.
'सामना' के बारे में क्या बोले राउत?
संजय राउत ने कहा, “जिस दिन तक मैं 'सामना' में उतरा, मुझे लिखने का कोई अनुभव नहीं था. बालासाहेब अगले दिन का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने फोन कर बधाई दी. मैं लिखने से कभी पीछे नहीं हटा. मुझे लिखने पर बहुत भरोसा है. देश के अंतिम व्यक्ति तक आजादी का संदेश पहुंचाने के लिए लोगों ने भगवा यात्रा निकाली. इसलिए मैं अभी भी काले और सफेद कागज और कलम में विश्वास करता हूं, भले ही कई मीडिया बन गए हों.
संजय राउत ने क्या कहा?
संजय राउत ने कहा, “मुझे सबसे ज्यादा सानिध्य बालासाहेब का मिला. बालासाहेब से उनके बहुत सामान्य रिश्ते थे. बालासाहब से चर्चा हुई. अक्सर वह सुबह-सुबह हेडलाइन पढ़ते थे. राउत ने कहा, “जब हम बैठे थे, कुछ प्रमुख लोग आये और अपना परिचय दिया. एक नेता अपने सहयोगियों और कार्यकर्ताओं की सराहना करता है. संजय राउत ने यह भी कहा कि वह अपने सहयोगियों को बनाते हैं. मैंने निडरता बालासाहेब से सीखी. यह हमने मुख्य रूप से बालासाहेब से लिया. उन्होंने कहा कि मैं पीछे नहीं हटूंगा, मैं अब आगे बढ़ चुका हूं.
किसकी है शिवसेना?
संजय राउत ने कहा कि आज जब बालासाहेब ने 50 वर्षों के अथक परिश्रम से यह प्रतिष्ठा अर्जित की है तो कुछ प्रश्न कम हो गये हैं. लेकिन संगठन वही है. शिवसेना बाला साहेब की है. यह अंत तक बालासाहेब ठाकरे का ही रहेगा.' ये शिवसेना तो उद्धव ठाकरे की भी नहीं है. उद्धव ठाकरे भी यही कहते हैं कि शिवेसना मेरी नहीं है. ये शिवसेना बालासाहेब की है. हम सब इसी धारा में हैं, हम बालासाहेब की सोच वाली धारा में हैं. हमारी आत्मा इसमें है".
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