Sanjay Raut Defamation Case: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मानहानि के मामले में 15 दिन की जेल की सजा को चुनौती देते हुए सेशंस कोर्ट का रुख किया है. मानहानि का ये केस बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया की ओर से दायर किया गया था. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) आरती कुलकर्णी ने 26 सितंबर को संजय राउत को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि) के तहत किए गए अपराध के लिए दोषी ठहराया था.


राज्यसभा सांसद राउत को 15 दिन की जेल की सजा सुनाई गई और 25,000 रुपये जुर्माना भरने को कहा गया था. हालांकि, अदालत ने बाद में सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया, जिससे वह ऊपरी अदालत में आदेश को चुनौती दे सके. मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका गुरुवार (24 अक्टूबर) को सेशंस कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन राउत अदालत में पेश नहीं हुए.


संजय राउत के वकील ने कोर्ट को क्या कहा?


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना (यूबीटी) नेता के वकील, मनोज पिंगले ने अदालत को बताया कि संजय राउत राज्य विधानसभा चुनावों में व्यस्त होने के कारण अदालत के सामने पेश नहीं हो सके और उन्होंने अनुरोध किया कि उनकी जमानत बढ़ा दी जाए. उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि अगली सुनवाई के दौरान राउत मौजूद रहेंगे.


मेधा सोमैया के वकील ने क्या दिया तर्क?


हालांकि, मेधा सोमैया की ओर से पेश वकील लक्ष्मण कनाल ने तर्क दिया कि दोषी व्यक्ति की अनुपस्थिति में जमानत नहीं बढ़ाई जा सकती. दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया. सत्र अदालत के समक्ष अपने पुनरीक्षण आवेदन में, अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश कानून की दृष्टि से खराब और तथ्यों के आधार पर अनुचित है और इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए.


मेधा सोमैया का क्या है आरोप?


मेधा सोमैया ने अपनी शिकायत में दायर याचिका में दावा किया था कि राउत ने मीडिया में उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार और पूरी तरह से अपमानजनक आरोप लगाए थे. उन पर मीरा भयंदर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.


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