Maharashtra News: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के निर्वाचन आयोग (ईसी) के कदम की शनिवार को आलोचना की. संजय राउत ने निर्वाचन आयोग के इस फैसले को एक तरह की ‘राजनीतिक हिंसा’ करार दिया और कहा कि इसका उद्देश्य पार्टी को खत्म करना है.


भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अलग हुए गुट को मूल 'शिवसेना' नाम और 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न् दिए जाने के एक दिन बाद, इसके कई नेताओं ने शनिवार को सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नई पहचान अपना ली है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री शंभूराज देसाई, उदय सामंत, दीपक केसरकर, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार और कई सांसद और विधायक अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नए नाम-चिन्ह व लगा लिए हैं.


चुनाव आयोग के फैसले की निंदा करते हुए संजय राउत ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग से राजनीतिक दल की परिभाषा पूछने की जरूरत है.


उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना गुट ने कहा फैसले को कोर्ट में देंगे चुनौती


गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट को नाम-चिन्ह आवंटित किया, जिसे पहले 'बालासाहेबंची शिवसेना' का नाम 'दो तलवार और ढाल' निशान दिया गया था. इसने राज्य में राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया था. चुनाव आयोग के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना (यूबीटी) ने घोषणा की कि वह इस फैसले को अदालत में चुनौती देगी.


शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी ईसीआई के कदम की निंदा करते हुए इसे जल्दबाजी, अप्रत्याशित, अन्याय और लोकतंत्र की हत्या के बराबर करार दिया.


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