'हमारी सरकार आई तो इस योजना का पैसा...', माझी लड़की बहिन योजना पर संजय राउत का बड़ा ऐलान
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र में अब विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा का इंतजार हो रहा है. इस बीच शिवसेना-यूबीटी ने महाराष्ट्र की जनता से बड़ा वादा किया है.
Mumbai News: शिवसेना-यूबीटी सांसद संजय राउत ( Sanjay Raut) ने यह दावा किया है कि महिलाओं की मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) महाराष्ट्र की महायुति सरकार के लिए टर्निंग पॉइंट नहीं बल्कि यू-टर्न साबित होगा. राउत ने कहा कि पहले की महाराष्ट्र सरकार ने ऐसी कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया था.
जब पत्रकारों ने संजय राउत से पूछा कि क्या महायुति सरकार महात्वाकांक्षी पहल मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के लिए टर्निंग पॉइंट साबित होगा तो उन्होंने कहा, ''नहीं,यह यू-टर्न साबित होगा.'' हालांकि संजय राउत ने साथ ही यह वादा किया कि अगर महाविकास अघाड़ी की सरकार आती है तो इस योजना के तहत दी जाने वाली 1500 रुपये की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपया प्रति महीने कर दी जाएगी. महाराष्ट्र में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव हैं जिसकी घोषणा का इंतजार किया जा रहा है.
17 अगस्त को आधिकारिक रूप से योजना की शुरुआत
वहीं, महायुति के सहयोगी मानते हैं कि कैश ट्रांसफर की यह पहल महाराष्ट्र चुनाव में उसकी संभावनाओं को मजबूत करेंगे. इस योजना की शुरुआत शनिवार को पुणे में आधिकारिक रूप से की गई. इस दौरान एकनाथ शिंदे ने संकेत दिए कि अगर उनकी सरकार सत्ता में दोबारा आती है तो फिर यह राशि 1500 से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दी जाएगी.
माना जा रहा है कि इस योजना के तहत राज्य की एक करोड़ महिलाएं लाभान्वित होंगी. इस योजना की शुरुआत संयोगवश रक्षाबंधन के वक्त हो रही है. यह योजना मध्य प्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना के तर्ज पर शुरू की गई है जिसके तहत 21 से 60 वर्ष की शादीशुदा, तलाकशुदा या बेसहारा महिलाएं जिनके परिवाहर की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये हैं उन्हें हर महीने 1500 रुपये दिए जाने का प्रावधान है.
योजना पर यह बोले संजय राउत
लोकसभा चुनाव में शिवसेना-एनसीपी-बीजेपी की महायुति को करारा झटका लगा था क्योंकि 48 में से 31 सीटें महाविकास अघाड़ी ने जीत ली थीं. वहीं, जब राज्य में चुनाव होने हैं तब महायुति यह योजना लेकर आई है. वहीं, संजय राउत ने कहा कि प्रभावी योजनाओं को कभी नहीं रोका जाता है और सुशासन वाली सरकार या अच्छा प्रशासक ऐसा रवैया कभी नहीं अपनाएगा.
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