New Parliament Inauguration: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार में अन्य विपक्षी दलों के साथ शामिल होगी. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद की प्रमुख हैं और नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें 28 मई को होने वाले समारोह में आमंत्रित नहीं करके उनकी उपेक्षा कर रही है. राउत ने कहा, 'सभी विपक्षी नेता कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि सरकार ने राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया है जो एक आदिवासी महिला हैं.'
'मौजूदा भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी'
संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों इस कार्यक्रम में मौजूद रह सकते हैं. शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने अपने रुख को भी दोहराया कि नए संसद भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि मौजूदा भवन अगले 100 वर्ष तक चल सकता था.
बता दें कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत कुल 19 दलों ने संयुक्त बयान जारी कर नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है. इन दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल शामिल हैं.
इन 19 दलों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय न केवल एक गंभीर अपमान है बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू के की अनुपस्थिति में संसद भवन के उद्घाटन करने का निर्णय अशोभनीय है और राष्ट्रपति के उच्च पर का अपमान करता है.
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