Sanjay Raut Latest News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (11 सितंबर) को नई दिल्ली स्थित भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणपति पूजा समारोह में शामिल हुए. अब इस मुलाकात पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने पीएम मोदी और चीफ जस्टिस की मुलाकात को लेकर कहा कि अगर संविधान के रखवाले इस प्रकार से राजनीतिक नेताओं से मिलते हैं तो लोगों के मन में शंका पैदा हो सकती है.


संजय राउत ने कहा, "गणपति उत्सव चल रहा है, ऐसे में लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं. दिल्ली में भी बहुत जगह गणेश उत्सव हो रहा है. मुझे जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी अब तक कितने लोगों के घर गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री चीफ जस्टिस के घर गए और एक साथ आरती की. हमारी जानकारी इतनी है कि अगर संविधान के रखवाले इस प्रकार से राजनीतिक नेताओं से मिलते हैं तो लोगों के मन में शंका होती है."






संजय राउत ने और क्या कहा?
शिवसेना यूबीटी सांसद ने कहा, "महाराष्ट्र के हमारे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने चल रही है, तो हमें शंका है कि हमें न्याय मिलेगा या नहीं? क्योंकि केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले में दूसरी पार्टी हैं. इसलिए न्यायाधीश को इस केस से अपने आप को अलग कर लेना चाहिए. इस मामले की दूसरी पार्टी यानी प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस के रिश्ते खुलेआम दिख रहे हैं. ऐसे में क्या जस्टिस चंद्रचूड़ साहब हमें न्याय दे पाएंगे?"


संजय राउत ने कहा, "तीन साल से तारीख पर तारीख दी जा रही है. एक गैर कानूनी सरकार चल रही है. एनसीपी और शिवसेना जैसी पार्टी को जिस तरीके से तोड़ा गया है, यह भी गलत है. हमें न्याय नहीं मिल रहा है. प्रधानमंत्री महाराष्ट्र की गैरकानूनी सरकार को बचाने के लिए बहुत इंटरेस्ट ले रहे हैं. उन्हें न्याय देने का जिम्मा चीफ जस्टिस के ऊपर है, ऐसे में उनके साथ उनका इस प्रकार का दोस्ताना रिश्ता है तो महाराष्ट्र के मन में एक शंका है कि हमें न्याय मिलेगा ऐसा लगता नहीं है."


राउत ने आगे कहा, "इसलिए मुझे लगता है कि ऐसे मामले में अगर किसी पार्टी और न्यायाधीश का रिलेशन दिखता है, तो उस मुकदमे से जस्टिस अपने आप को अलग कर लेते हैं तो मुझे लगता है कि चंद्रचूड़ साहब को इस मामले से अपने आप को अलग कर लेना चाहिए."



ये भी पढ़ें: महायुति में 'लाड़ली बहन योजना' का श्रेय लेने की मची होड़, शिंदे गुट के इस बयान से बढ़ सकती है अजित पवार की टेंशन