Maharashtra News: महाराष्ट्र में विपक्षी दल ये चाहते हैं कि शरद पवार ही एनसीपी के अध्यक्ष बने रहे. महाविकास अघाड़ी के बनने के बाद से ही शरद पवार की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई. उन्हें महाविकास अघाड़ी का 'आर्किटेक्ट' माना जाता है. चाहे सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) हो या फिर कांग्रेस हो, नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया में ये जरूर कहा कि शरद पवार को पद नहीं छोड़ना चाहिए. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शरद पवार की भूमिका पर कहा कि जिनके लिए राजनीति में आए हैं और समाजिक एवं राजनीतिक कार्य कर रहे हैं, वो नेता ही राजनीति से दूर होता है तो इस प्रकार की अफरा-तफरी होती है. निर्णय लेने के लिए जो कार्यकारिणी बनाई गई थी, उसके पास कोई और विकल्प नहीं था कि फिर एक बार पवार साहब को ही चुने.


समिति के फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में जश्न


बता दें कि शुक्रवार (5 मई) को एनसीपी की समिति ने प्रस्ताव पारित किया और शरद पवार के इस्तीफे के फैसले को खारिज कर दिया. इस फैसले से शरद पवार को अवगत कराया गया. इसके बाद शरद पवार ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर सोचने के लिए कुछ वक्त और चाहिए. एनसीपी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी. समिति की तरफ से जैसे ही शरद पवार के पद छोड़ने के फैसले को खारिज किया गया, कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल शुरू हो गया. एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में पार्टी दफ्तर के बाहर आतिशबाजी की.


गौरतलब है कि 2 मई को शरद पवार ने एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए सभी को चौंका दिया. न सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हैरानी जताई बल्कि विपक्ष के नेताओं को भी चौंका डाला. अब ये देखना होगा कि शरद पवार अपने इस्तीफे का फैसला वापस लेते हैं या एनसीपी के अध्यक्ष पर कोई नया चेहरा चुनाव जाता है.


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