नवाब मलिक-अजित पवार की मुलाकात पर संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस को घेरा, 'उनकी देशभक्ति का...'
Maharashtra Politics: संजय राउत ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि वह अजित पवार को नवाब मलिक के नाम लिखी चिट्ठी वापस लें या फिर लगे हुए आरोपों को वापस करें.
Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) और डिप्टी सीएम अजित पवार को मंच साझा करते हुए देखा गया. इस पर शिवसेना-यूबीटी के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया है कि नवाब मलिक आधिकारिक रूप से एनसीपी में शामिल हो जाएंगे. साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) पर तंज कसा है और पूछा है कि अब देवेंद्र फडणवीस की देशभक्ति का क्या होगा.
संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस की उस चिट्ठी को भी शेयर किया है जो उन्होंने अजित पवार को लिखी थी जिसमें उन्होंने नवाब मलिक के खिलाफ आरोप लगाए थे. संजय राउत ने 'एक्स' पर लिखा, ''अब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस क्या करेंगे? देवेंद्र जी, आप अपना पत्र फिर से पढ़ें. या तो पत्र वापस लें या मलिक के खिलाफ लगे आरोप वापस लें.'' नवाब मलिक के साथ अजित पवार के मंच साझा करने पर देवेंद्र फडणवीस से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया कहा, ''मैंने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है.''
संजय राउत ने शेयर की फडणवीस की पुरानी चिट्ठी
बता दें कि संजय राउत ने दिसंबर 2023 में देवेंद्र फडणवीस द्वारा अजित पवार को लिखी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर शेयर की है. इस चिट्ठी में फडणवीस, अजित पवार से कहते हैं, ''मैं शुरू में ही स्पष्ट कर दूं कि हमारी उनसे (नवाब मलिक) कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है. लेकिन, जिस तरह से उन पर आरोप लगाए गए हैं, उसे देखते हुए हमारी राय है कि उन्हें महायुति में शामिल करना उचित नहीं होगा.''
नवाब मलिक अधिकृतपणे अजित पवार यांच्या पक्षात प्रवेश करीतआहेत.आता देवेंद्र फडणवीस यांच्या देशभक्तीचे कसेकाय होणार?
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) August 20, 2024
एकनाथ शिंदे यांचा देखील हाच कांगावा होता. आता हे दोघे काय करणार?
देवेंद्रजी आपलेच हे पत्र पुन्हा वाचा!
एकतर पत्र मागे घ्या नाहीतर मलिक यांच्यावरील आरोप मागे घ्या. pic.twitter.com/jV9VM5ioOF
चिट्ठी में फडणवीस ने नवाब मलिक का जताया था विरोध
फडणवीस ने आगे लिखा था, ''सत्ता आती है जाती है लेकिन सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश है. वह फिलहाल सिर्फ मेडिकल आधार पर जमानत पर हैं. अगर उन पर आरोप साबित नहीं होते हैं तो हमें उनका स्वागत करना चाहिए, लेकिन हमारी स्पष्ट राय है कि ऐसे आरोप लगने पर उन्हें महागठबंधन का हिस्सा बनाना ठीक नहीं होगा. हालांकि, हर घटक दल को यह सोचना होगा कि वह महागठबंधन में बाधा नहीं बनेगी, इसलिए हम इसके खिलाफ हैं.''