Sanjay Raut on Ladla Bhai Yojna: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को युवाओं के लिए नौकरी प्रशिक्षण और मानदेय योजना की घोषणा की, जिसे अस्थायी रूप से ‘लाड़का भाऊ’ योजना नाम दिया गया है. इससे पहले उन्होंने पात्र महिलाओं के लिए मासिक वित्तीय सहायता योजना शुरू की थी. सीएम शिंदे के इस फैसले पर अब उद्धव गुट के सांसद संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है.


उद्धव गुट ने शिंदे सरकार पर कसा तंज
संजय राउत ने कहा, "(महाराष्ट्र) सरकार पर 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, यह कोई छोटी रकम नहीं है. सरकार ने लोकसभा चुनाव हारने के बाद नई योजनाएं शुरू की हैं. 'लाडली बहन योजना' मध्य प्रदेश से कॉपी की गई है. 'लाडला भाई योजना' के तहत आप (सरकार) 12वीं पास करने वालों को 6,000 रुपये और बेरोजगार ग्रेजुएट्स को 10,000 रुपये दे रहे हैं. वहीं लाडली बहन को सिर्फ 1,500 रुपये दिए जा रहे हैं. हमारी मांग है कि लाडली बहन को भी 10,000 रुपये दिए जाएं."






संजय राउत ने एक बयान में कहा, "लोकसभा चुनाव हारने के बाद एकनाथ शिंदे-अजित पवार-देवेंद्र फडणवीस की टोली को लाडली बहनें और लाडले भाई याद आए हैं. सबसे ज्यादा जरूरत लाडली बहनों को है जो घर चला रही हैं और छोटे-बड़े भाई महाराष्ट्र में बेरोजगार बैठे हैं. लाडली बहनों को 10 हजार रुपये दीजिए. दरअसल इन चुनावी जुमलों से जनता को पता चल चुका है कि चुनाव के बाद उनकी(महायुति) दुकान बंद होने वाली है."


महाराष्ट्र सरकार का एलान
सीएम शिंदे ने ‘आषाढ़ी एकादशी’ के अवसर पर सोलापुर जिले के पंढरपुर में नयी योजना की व्यापक विशेषताओं की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा, “कुछ लोगों ने कहा कि ‘लाड़की बहिन योजना’ (महिलाओं के लिए) शुरू की गई है; ‘लाड़का भाऊ’ के ​​बारे में क्या. हम अब लाड़का भाऊ के लिए एक योजना की घोषणा कर रहे हैं, जिसके तहत 12वीं पास नौकरी चाहने वालों को 6,000 रुपये, डिप्लोमा वालों को 8,000 रुपये और स्नातक की डिग्री वालों को 10,000 रुपये मिलेंगे. उन्हें उद्योग में ‘नौकरी के साथ प्रशिक्षण’ के दौरान सरकार की ओर से यह मानदेय मिलेगा.”






उन्होंने कहा कि उम्मीदवार प्रशिक्षण लेंगे और नौकरी पाएंगे. साथ ही, प्रशिक्षित जनशक्ति से उद्योग को भी लाभ होगा. इस प्रशिक्षण का वित्तपोषण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, “इतिहास में यह पहली बार है कि राज्य सरकार ने ऐसी योजना शुरू की है.” बेरोजगारी के बारे में चिंताओं का उल्लेख करते हुए शिंदे ने जोर देकर कहा कि इस पहल का उद्देश्य समाधान प्रदान करना है.


उन्होंने कहा, “उद्योग में युवाओं के प्रशिक्षण के दौरान राज्य सरकार मानदेय का भुगतान करेगी.” ‘मुख्यमंत्री मांझी लाड़की बहिन’ योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलेंगे, लाभार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये तक सीमित होनी चाहिए.


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