Sanjay Raut Statement on Eknath Shinde and BJP: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत द्वारा विधानमंडल को कथित तौर पर ‘‘चोरमंडल’’ कहे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी राउत की इस टिप्पणी की निंदा की. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा है कि वह दो दिन में ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत के बयान की जांच करेंगे और अगले बुधवार को मानवाधिकार हनन मामले पर फैसला लेंगे. साथ ही हंगामे के चलते सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है.


संजय राउत के बयान के बाद हंगामा
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत द्वारा विधानमंडल को कथित तौर पर ‘‘चोरमंडल’’ कहे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी राउत की इस टिप्पणी की निंदा की. विधानसभा के निचले सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई बीजेपी के नेता आशीष शेलार ने यह मुद्दा उठाया.


उन्होंने कहा, ‘‘विधायकों को चोर कहा जा रहा है और यह राज्य का अपमान है.’’ बीजेपी के एक अन्य विधायक अतुल भातखल्कर ने कहा कि उन्होंने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया है.


दो दिनों में होगी जांच
राहुल नार्वेकर ने एक बयान में कहा कि दो दिन में इस संबंध में जांच कराकर अगले फैसले की घोषणा बुधवार को की जाएगी. राउत के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा. देखा गया कि सत्ता पक्ष आक्रामक हो गया है. कुल मिलाकर सत्ता पक्ष संजय राउत के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर जोर देता नजर आ रहा है. उधर, कोल्हापुर में बोलते हुए संजय राउत ने अपने बयान को दोहराया कि वह अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने उस बयान को लेकर सफाई दी है. 


क्या बोले अजित पवार?
विपक्ष के नेता अजित पवार और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी अस्वीकार्य है. पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) के सहयोगी हैं.


क्या बोले थोराट?
थोराट ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है कि वास्तव में उन्होंने (राउत ने) क्या कहा. वहीं, सदन में किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बारे में सभी को सावधान रहना चाहिए. हमें ‘राष्ट्र-विरोधी’ तक कहा गया है.’’ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक इस बात पर जोर दे रहे थे कि नोटिस को स्वीकार किया जाना चाहिए.


हंगामे के कारण निचले सदन को तीन बार - पहले अध्यक्ष नार्वेकर द्वारा 10 मिनट के लिए, उसके बाद पीठासीन अधिकारी योगेश सागर द्वारा 20 मिनट और 30 मिनट के लिए स्थगित किया गया. इससे पहले दिन में कोल्हापुर में राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कथित तौर पर ‘‘विधिमंडल’’ (विधायिका) को ‘‘चोरमंडल’’ कहा था.


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