Satta Bazar Prediction: सट्टा बाजार के आंकड़ों ने किया सन्न! महाराष्ट्र में हो सकता है बड़ा खेल, किसे लगेगा झटका?
Satta Bazar Predictions on Lok Sabha Elections: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. ऐसे में MVA और NDA को कितनी सीटें मिलेंगी इसे लेकर सट्टा बाजार ने चौंका देने वाली भविष्यवाणी की है.
Satta Bazar Predictions on Maharashtra Lok Sabha Election: महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों पर वोटिंग खत्म हो चुकी है. अब सभी की नजर 4 जून पर है, जब चुनाव के नतीजे आएंगे. महाराष्ट्र में महायुति (NDA) और महाविकास अघाड़ी (MVA) को कितनी सीटें मिलेंगी इसको लेकर तरह-तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं. अब सट्टा बाजार ने भविष्यवाणी की है कि महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन (महायुति) को 28 सीटें मिल सकती. ऐसे में यह महायुति के लिए बड़ा झटका हो सकता है.
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने 42 सीटें जीती थीं. इसबार सट्टा बाजार की भविष्यवाणी के अनुसार एनडीए को 28 सीटें मिलने का अनुमान है. NDA को 14 सीटों का नुकसान हो रहा है. वहीं, एनडीए की सीटें घटने का सीधा फायदा महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) को होगा. पिछले चुनाव में महाविकास अघाड़ी को सिर्फ 6 सीटें मिली थीं. सट्टा बाजार की भविष्यवाणी के अनुसार महाविकास अघाड़ी 20 सीटें मिल सकती है.
क्या है सट्टा बाजार की भविष्यवाणी?
सट्टा बाजार का अनुमान है कि नागपुर से बीजेपी उम्मीदवार नितिन गडकरी लोकसभा चुनाव जीतेंगे. इसके मुताबिक, चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा धानोरकर जीतेंगी. यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र में शिंदे गुट को नुकसान होगा. यहां से उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के संजय देशमुख चुनाव जीतेंगे. बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहीं सांसद नवनीत राणा को झटका लग सकता है.
सट्टा बाजार का अनुमान है कि सुप्रिया सुले बारामती लोकसभा क्षेत्र से दोबारा जीतकर सांसद बनेंगी. बीजेपी ने मुंबई उत्तर लोकसभा क्षेत्र से पीयूष गोयल को उम्मीदवार बनाया है. अनुमान है कि वे जीतेंगे. अनुमान है कि कोल्हापुर लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार संजय मांडलिक हार जाएंगे और कांग्रेस उम्मीदवार शाहू छत्रपति जीत दर्ज कर सकते हैं.
Disclaimer: सट्टा बाजार का आकलन इससे जुड़े लोगों की दिलचस्पी के आधार पर होता है. इसके आंकड़े किसी सर्वे या पोल से नहीं लिए गए होते हैं. ऐसे इस तरह के आकलन और नतीजों के सही होने के आसार बहुत कम ही होते हैं.
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