Maharashtra News: एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) और शिवसेना-यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को अभी तक राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा का न्योता नहीं मिला है. उद्धव और उनकी पार्टी के नेता राम मंदिर (Ram Mandir) के मुद्दे पर बीजेपी पर लगातार हमलावर है जबकि शरद पवार ने हाल ही में कहा था कि जब उनकी नियति होगी वह राम मंदिर जाएंगे. दोनों ही पार्टियां इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं.
उद्धव ठाकरे का 22 जनवरी को नासिक जाने का कार्यक्रम है. वह उस दिन गोदावरी नदी के तट पर आरती करेंगे और कालाराम मंदिर का दौरा करेंगे. दरअसल, उसके अगले दिन 23 जनवरी को बाला साहेब ठाकरे की जयंती है और शिवसेना-यूबीटी ने उस दिन नासिक में शिविर का आयोजन करने का फैसला किया है.
अयोध्या के लिए लड़ाई पर शिवसेना को गर्व- प्रियंका चतुर्वेदी
हालांकि पार्टी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बीते दिनों मीडिया से बातचीत में कहा था कि यह शिवसेना के लिए आस्था का विषय है और पार्टी को गर्व है कि इसने अयोध्या की लड़ाई लड़ी है. उन्होंने कहा कि देश जानता है कि बाला साहेब से लेकर अब तक पार्टी ने राम मंदिर के लिए क्या लड़ाई लड़ी है. उन्होंने शिवसेना-यूबीटी नेता को न्योता न मिलने पर सवाल भी उठाया है. दरअसल, अभी तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिलने की जानकारी सामने आई है. दोनों ही पार्टियों ने इस न्योते को ठुकरा दिया है.
इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने यह कहते हुए न्योता ठुकराया है कि यह बीजेपी और आरएसएस का प्राइवेट इवेंट है. जबकि कांग्रेस ने सार्वजनिक बयान जारी कर कहा है कि मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने यह कहते हुए न्योता ठुकराया है कि जो न्योता देने आए थे, वह उन्हें नहीं जानते.
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