Sharad Pawar on Devendra Fadnavis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने एक साल पूरा करने वाली एकनाथ शिंदे सरकार की जमकर आलोचना की है. उन्होंने शिंदे सरकार पर महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम होने का आरोप लगाया है. उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने वाले शिंदे शिवसेना के विभाजन के बाद पिछले साल 30 जून को मुख्यमंत्री बने. शिंदे ने 'महाविकास अघाड़ी गठबंधन' की सरकार से अलग होने का फैसला किया था, जिसमें पवार की एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल थी.


कब सीएम बने थे शिंदे?
एकनाथ शिंदे पिछले साल 30 जून को मुख्यमंत्री बने थे, जब उद्धव ठाकरे के खिलाफ एक सफल विद्रोह के बाद शिवसेना में विभाजन हो गया और महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई. इस सरकार में कांग्रेस के साथ पवार की एनसीपी भी शामिल थी.


शरद पवार का एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला
देवेंद्र फडणवीस सरकार की पहली वर्षगांठ के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, राज्य में कानून और व्यवस्था का एक गंभीर सवाल है. महिलाओं पर हमले, कोयता  (तेज धार वाले हथियार)  वाले गिरोह गंभीर मुद्दे हैं. राज्य सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है.


शिंदे सरकार पर हमलावर है विपक्ष
विपक्ष कुछ जगहों पर मुगल शासक औरंगजेब और 18वीं सदी के मैसूर शासक टीपू सुल्तान के पोस्टर लगाने को लेकर सांप्रदयिक उन्माद भड़काने के साथ-साथ महिलाओं पर अपराध को लेकर शिंदे सरकार पर हमला बोल रहा है. बता दें कि कुछ आरोपियों ने पीड़ित को जान से मारने के लिए कोयता (लंबे छुरे जैसा हथियार) का भी इस्तेमाल किया था.


बीजेपी पर तंज कसते हुए पवार ने क्या कहा?
बीजेपी पर तंज कसते हुए पवार ने कहा कि वे (बीजेपी/फडणवीस) मेरी ‘गुगली’ को कभी समझ नहीं पाए. उन्हें ये कभी समझ नहीं आएगा क्योंकि सिर्फ एक गेंदबाज ही ‘गुगली’ फेंकने का तरीका जानता है. और पवार ने कहा कि क्यों दो दिन बाद ही पार्टी ने शपथग्रहण समारोह आयोजित कर दिया था जबकि वह जानते थे कि एनसीपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की योजना को टाल दिया है.


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