Sharad Pawar Autobiography: शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में देवेंद्र फडणवीस को लेकर बड़े दावे किये हैं. शरद पवार ने अपनी  आत्मकथा में देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है. शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में कहा है कि देवेंद्र फडणवीस सुलह के पक्ष में थे और वे मातोश्री भी गए थे. शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में सिर्फ देवेंद्र फडणवीस के बारे में ही नहीं बल्कि उद्धव ठाकरे, अपने भतीजे अजित पवार, शिवसेना को लेकर भी कई बड़ी बातें लिखी है. अब शरद पवार की आत्मकथा भी सुर्ख़ियों में आ गई है.


शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में किये कई दावे
द प्रिंट में छपी एक खबर के अनुसार, शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, “एमवीए पूरे देश में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी और हमें पहले से ही अंदाजा था कि वे हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करेंगे. लेकिन हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही विद्रोह शिवसेना के भीतर से होगा.” 


शरद पवार ने विद्रोह को लेकर कही ये बात
पवार वर्तमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सेना के नेताओं के एक गुट द्वारा विद्रोह का जिक्र कर रहे हैं, जिसके कारण पिछले साल एमवीए सरकार गिर गई और शिंदे गुट ने भाजपा के समर्थन से सरकार का गठन किया. शिंदे गुट को चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना पार्टी का नाम और मूल धनुष और तीर का प्रतीक आवंटित किया गया है. शरद पवार ने मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के बारे में लिखा है. उन्होंने यह भी दोहराया है कि उन्हें भतीजे अजित पवार के 2019 में बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के साथ हाथ मिलाने के फैसले के बारे में नहीं पता था.


अपने भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार के 2019 में फडणवीस को समर्थन देने के फैसले पर, वे लिखते हैं, “जब मुझे 23 नवंबर 2019 को फोन आया कि अजीत और एनसीपी के कुछ विधायक राजभवन में हैं और अजित फडणवीस के साथ शपथ ले रहे हैं तो मैं चौंक गया.”


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