Sharad Pawar Viral Caste Certificate: एक तरफ राज्य में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है तो दूसरी तरफ इस पर चल रही सियासत भी थमने का नाम नहीं ले रही है. इस मुद्दे पर विरोध करने वाले मनोज जारांगे ने मांग की है कि मराठों को कुनबी सर्टिफिकेट दिया जाए और मराठों को ओबीसी से आरक्षण दिया जाए. ऐसे में अब सोशल मीडिया पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के नाम से एक सर्टिफिकेट वायरल हो रहा है. इस वायरल डॉक्युमेंट में दिखाया गया है कि शरद पवार की कैटेगरी ओबीसी है.
जाति प्रमाण पत्र हुआ वायरल
शरद पवार ने राज्य में चल रहे मराठा आंदोलन का समर्थन किया है और मांग की है कि राज्य सरकार को मराठों को आरक्षण दिलाने के लिए प्रयास करना चाहिए. वहीं, मनोज जारांगे ने मांग की है कि मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र मिलना चाहिए और ओबीसी से आरक्षण दिया जाना चाहिए. इस मामले में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि उन्हें पहले से ही ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है.
क्या है इस दस्ताबेज की हकीकत?
ABP माझा की एक खबर के अनुसार, सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि शरद पवार का वायरल सर्टिफिकेट फर्जी है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि कोई जानबूझकर ऐसा कर रहा है.
शरद पवार के वायरल सर्टिफिकेट में क्या है?
संभाजी ब्रिगेड ने आरोप लगाया है कि संघ और बीजेपी जानबूझकर शरद पवार के ओबीसी जिक्र वाले दस्तावेज को वायरल कर रहे हैं. संभाजी ब्रिगेड ने शरद पवार को मराठा बताने वाला दस्तावेज सामने लाया है. जबकि पवार के स्कूल प्रमाणपत्र में मराठा का उल्लेख है, कुछ लोग जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. शरद पवार का स्कूल सर्टिफिकेट जिसमें ओबीसी का जिक्र है, वायरल हो रहा है. संभाजी ब्रिगेड का आरोप है कि जिजाऊ के वंशजों ने ऐसा किया है. संभाजी ब्रिगेड के विकास पासलकर ने आरोप लगाया है कि इसके जरिए ओबीसी और मराठों के बीच टकराव पैदा करने की कोशिश की जा रही है.
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