शरद पवार गुट का बड़ा दावा, 'BJP अजित पवार को संदेश दे रही है कि आप हमसे...'
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस की एक पत्रिका ने अपने बयान से हलचल पैद कर दी है. इसने सीधे-सीधे एनसीपी-बीजेपी गठबंधन पर सवाल उठाया है.
Maharashtra News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मराठी पत्रिका विवेक (Vivek) में बीजेपी द्वारा अजित पवार (Ajit Pawar) की पार्टी एनसीपी के साथ गठबंधन करने को लेकर सवाल उठाया गया है. अब इस पर शरद पवार (Sharad Pawar) गुट की प्रतिक्रिया आई है. पार्टी प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो (Clyde Crasto) ने कहा कि मैगजीन के लेख के बहाने बीजेपी अजित पवार से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में क्लाइड क्रास्टो ने कहा, '' कुछ सप्ताह पहले भी यही बात कही गई थी. वो कहना चाह रहे हैं कि बीजेपी ने एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ गठबंधन किया है, असल में उससे बीजेपी महाराष्ट्र में चुनाव हार गई है. महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति की यही वास्तविकता है कि लोगों ने अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को भी स्वीकार नहीं किया है.''
VIDEO | "This weekly... I think a couple of weeks ago they said said the same thing. What they are trying to say that the BJP aligning with the Ajit Pawar faction of the NCP has actually made the BJP lose elections in Maharashtra. This is the reality that is going on in the… pic.twitter.com/kD8CY9HBgo
— Press Trust of India (@PTI_News) July 17, 2024
अजित पवार से पीछा छुड़ाने में लगी बीजेपी- क्लाइड क्रास्टो
क्रास्टो ने आगे कहा, ''बीजेपी को यह सोचना होगा कि एनसीपी को साथ लाने से उन्हें समस्या हो रही है और वह चुनाव नहीं जीत रहे. महाराष्ट्र की जनता ने लोकसभा में शरद पवार की एनसीपी को वोट दिया. बीजेपी भी बहुत सतर्कता से देख रही है क्योंकि वह भी चुनाव जीतना चाहती है. वह इस लेख के जरिए अपने लिए रास्ता निकाल रही है. उनसे (अजित पवार) दूरी बरतने की कोशिश कर रही है या फिर उन्हें संदेश दे रही है कि आप किसी न किसी रूप से हमसे अलग हो जाइए.''
आरएसएस की पत्रिका में किया गया था यह दावा
मराठी पत्रिका विवेक में यह लिखा गया है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ गठबंधन को स्वीकार कर लिया लेकिन आज लगभग हर कार्यकर्ता लोकसभा में हार के कारणों को बताने या अपनी नाराजगी और परेशानी जाहिर करने में सबसे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन से ही बात शुरू करता है. इससे जाहिर होता है कि बीजेपी कार्यकर्ता को एनसीपी को साथ लाना पसंद नहीं आया.
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