Maharashtra News: एनसीपी-शरद चंद्र पवार (NCP-Sharad Chandra Pawar) के मुखिया शरद पवार ने कहा कि उन्हें एनसीपी का नाम और सिंबल खोने की चिंता नहीं है लेकिन उन्होंने इस बात का दावा किया कि लोगों ने उन्हें स्वीकृति नहीं दी है जिन्होंने दूसरा रास्ता अपनाया है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपने भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) को निशाना बनाते हुए यह बात कही. महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को अजित पवार गुट को असली एनसीपी बताया था जिस पार्टी के 2023 में दो गुट बन गए थे.
सत्ता आती है और जाती है- शरद पवार
जित पवार अपने 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में पिछले साल शामिल हो गए थे. इससे शरद पवार द्वारा गठित पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी. सतारा में एक कार्य़क्रम को संबोधित करते हुए शुक्रवार को शरद पवार ने कहा कि सत्ता आती है और जाती है लेकिन विचारधारा, नीतियां और देश को आगे ले जाने के विचार स्थायी होते हैं. लेकिन हमारे कुछ सहकर्मी इस रास्ते से भटक गए हैं.
'हर कोई सत्ता में हमेशा नहीं हो सकता'
शरद पवार ने आगे कहा कि ''कुछ लोग पार्टी ले गए, कुछ सिंबल लेकिन मैं इस पर कभी चिंतित नहीं होता. कुछ लोगों ने विचारधारा छोड़कर दूसरे रास्ते पर जाना चुना लेकिन लोगों ने इस कदम की सराहना नहीं की. इन लोगों से यह सुनकर हैरानी होती है कि जैसे उन्होंने विकास के लिए हमें छोड़ा. हर कोई सत्ता में हमेशा नहीं हो सकता और यह नहीं कहा जा सकता कि जो सत्ता में नहीं है वह देश की सेवा नहीं कर सकता. अटल बिहारी वाजपेयी वर्षों तक विपक्ष में थे. क्या उन्होंने देश की सेवा नहीं की? क्या उन्होंने देश की सेवा के लिए अपनी विचारधारा छोड़कर पार्टी छोड़ने का विचार किया? भले ही हमारे मतभेद रहे हैं, लेकिन यह बात हर किसी को माननी पड़ेगी कि वाजपेयी ने हमेशा अपनी विचारधारा को बचाकर रखा. 1977 में जनता पार्टी सत्ता में आई, यशवंतराव चव्हाण विपक्ष में बैठे, क्या यह गलत निर्णय था? आज किसान मुश्किलों का सामना कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं.
पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
शरद पवार ने आगे कहा कि पिछले 15 दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी केवल एक घंटे के लिए संसद आए हैं. चाहे वह जवाहर लाल नेहरू हों, इंदिरा गांधी या फिर यशवंतराव चव्हाण उन्होंने कभी एक दिन के लिए संसद सत्र से गैरहाजिर नहीं रहे. वहीं अजित पवार द्वारा शरद पवार के उम्र को लेकर किए जाने वाले तंज पर उन्होंने कहा कि हम इस परिस्थिति से बाहर आ जाएंगे क्योंकि अगर हमारी विचारधारा मजबूत है तो उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता. मैंने अगली पीढ़ी के साथ राज्य के सभी हिस्से में जाने और राज्य की छवि बदलने के लिए नए नेतृत्व के निर्माण का फैसला लिया है.
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