Kolhapur Violence: शरद पवार ने कोल्हापुर में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, कुछ लोगों ने ऐसी स्थिति बनाई है. यह समाज के लिए सही नहीं है. आम लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी. इसमें राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है. जब इसकी जांच की जाएगी, तो सच्चाई सबके सामने आएगी." महाराष्ट्र में हत्या की घटनाएं महाराष्ट्र की खासियत नहीं हैं. महाराष्ट्र एक उदार और शांतिपूर्ण राज्य है. कोल्हापुर और नगर की घटना महाराष्ट्र के चरित्र के अनुरूप नहीं है.
शरद पवार ने क्या कुछ कहा?
लोकसत्ता के अनुसार शरद पवार ने कहा, यदि हम सब व्यवस्था का सहयोग करें तो हम देखेंगे कि इस स्थिति पर तत्काल रोक लग जाती है. कोल्हापुर हो या अन्य शहर, सामाजिक परिवर्तन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही है. उस स्थान पर शांति स्थापित करनी चाहिए. छत्रपति शाहू और महारानी तारारानी के उदाहरण का अनुसरण करते हुए आम आदमी के हितों की रक्षा की जानी चाहिए. दो-चार लोग भले ही बदसलूकी कर रहे हों, लेकिन प्रशासन सुनेगा तो शांति स्थापित हो जाएगी. बहुसंख्यक समाज के संयम बरतने के बाद राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए और शांति स्थापित करनी चाहिए.
कब और कैसे शुरू हुआ मामला?
शिव का 350वां राज्याभिषेक समारोह 6 जून को मनाया गया. पूरे राज्य में इस उत्सव को लेकर उत्साह देखा गया. उसी दिन कोल्हापुर में कुछ युवकों द्वारा अपने फोन पर औरंगजेब का स्टेटस रखने पर विवाद छिड़ गया. इसका असर कोल्हापुर में देखने को मिला. उसी दिन कुछ युवक एक जुलूस में औरंगजेब की फोटो के साथ नाच रहे थे जो अहमदनगर से निकला था. इन्हीं सब बातों को लेकर हिंदुत्ववादी संगठनों ने मार्च निकाला. यह मुद्दा काफी गरमा गया था. उसके बाद अब शरद पवार ने शांति बनाए रखने की अपील की है. दूसरी ओर, राज्य के गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वह औरंगजेब के वंशजों को नहीं बख्शेंगे.