Maharashtra News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदलने का सिलसिला तेज हो गया. राज्य में साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ गठबंधन के बड़े नेताओं ने उसका दामन छोड़ विपक्षी महाविकास अघाड़ी के घटक दलों को ज्वाइन कर लिया है. 


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हाल में शरद पवार गुट ज्वाइन करने वाली भाग्यश्री ने कहा कि ''मुझे अच्छा नहीं लगा जिस तरह मेरे पिता ने शरद पवार गुट को छोड़ा और महायुति ज्वाइन करने के बाद से ही वह अजित पवार गुट के साथ काम कर रहे थे. वह जनता के कल्याण का झूठा आश्वासन दे रहे थे.''


नए लोगों को शरद पवार गुट ने दिया था टिकट
दलबदल का सबसे ज्यादा फायदा शरद पवार गुट को हुआ है. बीते छह महीने के अंदर ही बीजेपी और अजित पवार गुट के पांच बड़े नेताओं ने शरद पवार गुट को ज्वाइन कर लिया. यह सब कुछ लोकसभा चुनाव से पहले ही शुरू हो गया था. धैर्यशील मोहिते पाटिल ने टिकट ना देने पर बीजेपी छोड़कर एनसीपी-एसपी ज्वाइन कर ली थी जिन्होंने उन्हें माढ़ा से टिकट दिया. उसी महीने अजित पवार के विधायक निलेश लंके शरद पवार गुट ज्वाइन कर लिया.  दोनों ने अपनी-अपनी सीट से बीजेपी प्रत्याशियों को हरा दिया. 


पूर्व मंत्री ने बीजेपी को कहा अलविदा
लोकसभा चुनावी नतीजे के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल बीजेपी छोड़कर शरद पवार की पार्टी में आ गए. एक महीने बाद बीजेपी नेता माधवराव किन्हालकर ने भी बीजेपी छोड़कर एनसीपी-एसपी का दामन थाम लिया. वहीं, महायुति के कई नेता जिन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद है, उन्होंने एनसीपी-एसपी ज्वाइन कर ली. 


फडणवीस के कट्टर समर्थक ने छोड़ी बीजेपी
लोकसभा चुनाव में अजित पवार गुट का प्रदर्शन सबसे खराब रहा जो केवल एक सीट जीत पाई. जुलाई में पिंपरी चिंचवाड़ इलाके के एनसीपी चीफ ने भी अजित पवार का साथ छोड़ दिया. वह एनसीपी-एसपी के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं.  वहीं, बीजेपी को सितंबर की शुरुआत में झटका लगा जब देवेंद्र फडणवीस के कट्टर समर्थक माने जाने वाले समरजीत सिंह घटगे ने एनसीपी-एसपी ज्वाइन कर ली. वह कोल्हापुर के कागल सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं. दो अन्य नेता अतुल बेंके और हर्षवर्धन पाटिल के भी शरद पवार के संपर्क में होने की बात सामने आ रही है.