CM योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान पर शरद पवार बोले, 'ये वो लोग हैं जो भगवा कपड़े पहनते हैं और...'
Maharashtra Election 2024: शरद पवार ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी के भाषणों की आलोचना की. साथ ही दावा किया कि एमवीए की सरकार वापस आ रही है.
Maharashtra Assembly Election 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एसपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार (15 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर समाज को ‘बांटने’ का आरोप लगाया. चुनाव प्रचार अभियान में दिये पीएम के भाषणों की उन्होंने आलोचना की. यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ लोगों में ‘‘बेचैनी’’ महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) को सत्ता में लौटने में मदद करेगी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अजित पवार के फिर से उनके साथ आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बीजेपी के साथ गठजोड़ करने वालों से कोई संबंध नहीं रखा जाएगा.
महाराष्ट्र में विपक्षी एमवीए के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शरद पवार ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि सत्तारूढ़ महायुति लोकसभा चुनाव में राज्य में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए कैश ट्रांसफर योजनाओं का इस्तेमाल कर रही है.
सीएम योगी की तीखी आलोचना
राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रहे शरद पवार ने कहा कि लेकिन लोग उन्हें (महायुति को) खारिज कर देंगे. एनसीपी(एसपी) प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तीखी आलोचना की, जिनके ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ नारे की कुछ बीजेपी नेताओं और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार जैसे सहयोगियों ने भी आलोचना की है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वह (आदित्यनाथ) इस तरह के सांप्रदायिक बयानों के लिए जाने जाते हैं. उन्हें (आदित्यनाथ को) महत्व क्यों दिया जाए? मैं उनके बारे में एक वाक्य भी नहीं कहना चाहता. ये वे लोग हैं जो भगवा कपड़े पहनते हैं और सांप्रदायिकता फैलाते हैं. वे देश का अहित कर रहे हैं.’’ विपक्ष पर जाति के आधार पर समाज को बांटने का आरोप लगाने और सत्तारूढ़ बीजेपी, शिवसेना एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के पक्ष में लोगों से एकजुट होने की प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपील किये जाने के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने पलटवार किया.
'एमवीए को सत्ता में लौटने में करेगी मदद'
उन्होंने कहा, ‘‘वह प्रधानमंत्री हैं. वह कुछ बातें कह रहे हैं. हमारे सहयोगियों (मित्रों) के बारे में वह जो कहते हैं, वह बहुत अनुचित है. वह खुद समाज को बांट रहे हैं. आप पिछले कुछ दिनों में उनके भाषणों और अपने राजनीतिक हित के लिए उठाए गए मुद्दों को देख सकते हैं.’’ पवार ने कहा कि उन्होंने अपने व्यापक प्रचार अभियान के दौरान लोगों के बीच काफी ‘‘बेचैनी’’ देखी है, जो राज्य में एमवीए को सत्ता में लौटने में मदद करेगी.
जनता का समर्थन मिलने का जताया विश्वास
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस-शिवसेना(उबाठा)-एनसीपी (एसपी) गठबंधन पर समाज को बांटने और तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है तथा ‘‘एक हैं तो सेफ हैं’’ के अपने आह्वान के साथ एकजुट होने की अपील की. एमवीए के प्रचार अभियान का नेतृत्व करते हुए और 2023 में पार्टी (अविभाजित एनसीपी) में टूट के बाद अपने गढ़, विशेष रूप से पश्चिमी महाराष्ट्र में फिर से अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए शरद पवार (83) ने चुनाव में जनता का समर्थन मिलने का विश्वास जताया.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग (राज्य सरकार से) बहुत नाराज हैं, खासकर किसान और युवा. जब भी उन्हें वोट डालने का मौका मिलेगा, वे हमारे और हमारे सहयोगियों का समर्थन करेंगे.’’ हालांकि, उन्होंने 288 सदस्यीय विधानसभा में एमवीए द्वारा जीती जा सकने वाली सीट की संख्या के बारे में कोई आकलन करने से इनकार कर दिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद उनके भतीजे अजित पवार के उनके साथ आने की कोई संभावना है, शरद पवार ने कहा कि वह उन लोगों से कोई संबंध नहीं रखेंगे जो बीजेपी के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अपनी पार्टी है. कुछ लोग बीजेपी के साथ जुड़ गए हैं. इन चीजों पर चर्चा करने का सवाल ही नहीं उठता.’’
अजित पवार का साथ देने वालों पर क्या बोले?
अजित पवार ने 2023 में अविभाजित एनसीपी के विधायकों के एक बड़े समूह के साथ बीजेपी के साथ गठजोड़ किया था. शरद पवार ने उन नेताओं की आलोचना की, जिन्होंने उनके भतीजे का साथ दिया और उनमें से कई अब सत्तारूढ़ गठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने उन्हें ‘‘देशद्रोही’’ बताया और विश्वास जताया कि जनता 20 नवंबर के चुनाव में न्याय करेगी.
राज्य की महायुति सरकार द्वारा 'लाडकी बहिन' सहित कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू किये जाने के दावे पर, शरद पवार ने कहा कि सरकार ने अपने प्रदर्शन से लोगों की नाराजगी का एहसास होने के बाद यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें एहसास हो गया है कि उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. वे बहुत सारा पैसा खर्च कर रहे हैं.’’
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