Maharashtra News: वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के द्वारा दिए गए बयानों के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस का संकट बढ़ गया है. सावरकर मामले में जहां पहले उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इसका विरोध किया. वहीं अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने सावरकर को महान बताकर कांग्रेस को एकदम अलग-थलग कर दिया है. दरअसल, पवार ने शनिवार को कहा कि 'सावरकर का वैज्ञानिक दृष्टिकोण था और वह एक प्रगतिशील व्यक्ति थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनको लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयानों से राजनीतिक विवाद हुआ है, जो कि लोगों को गंभीर मुद्दों से भटका रहा है.'


शरद पवार ने आगे कहा कि सावरकर को लेकर उनके भी बयान है, लेकिन वे सिर्फ हिंदू महासभा के बारे में थे जिसके नेता सावरकर थे. शरद पवार ने सावरकर को अपने समय का बहुत प्रगतिशील नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने घर के सामने एक मंदिर बनवाया और इसकी जिम्मेदारी वाल्मीकि समुदाय एक सदस्य को दी थी. इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) ने कहा था कि वह सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं करेगी. 


क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हाल ही में एक मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई. जिसके बाद उन्होंने 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि वह सरकार से डरते नहीं हैं, सरकार उनको डरा नहीं सकती. उन्होंने मानहानि मामले में सरकार से इसलिए माफी नहीं मांगी क्योंकि उनका नाम गांधी है, सावरकर नहीं, और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते. वह माफी नहीं मांगेंगे.


इस बयान के बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी पर करारा हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि वह और उनकी पार्टी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी. राहुल गांधी के बयान से नाराज होकर शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार को खरगे की ओर से बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था.



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