Mharashtra Latest News : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार की 10 मार्च यानी शुक्रवार की प्रस्तावित अहमदनगर (Ahmednagar) के पारनेर (Parner) यात्रा से पहले उनका विरोध शुरू हो गया है. पवार के दौरे का विरोध कर रहे पारनेर फैक्ट्री रेस्क्यू एंड रिवाइवल कमेटी (Parner Factory Rescue and Revival Committee) ने 'शरद पवार-गो बैक' आंदोलन का ऐलान किया है. इस बीच रात के वक्त परनेर की सड़क पर "शरद पवार-गो बैक" लिखकर पवार के प्रस्तावित दौरे का विरोध किया गया. निघबा-निघोज और निघोज-देवीभोयरे की सड़कों पर 'शरद पवार-गो बैक' लिखा गया है.


इसलिए हो रहा शरद पवार के दौरे का विरोध


रक्षा समिति ने आरोप लगाया है कि पारनेर सहकारी साखर कारखाना को बेचने के पीछे शरद पवार का हाथ है. कारखाना बचाव समिति ने आरोप लगाया है कि शरद पवार के करीबी पूर्व सांसद विदुर नवले ने पारनेर चीनी कारखाने को भ्रष्ट तरीकों से हड़प लिया. कमेटी ने दावा किया है कि इस बात के सबूत हैं कि शरद पवार ने उनकी मदद की थी. कमेटी ने कहा है कि इस फैक्ट्री के बिकने से किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.


काले झंडे दिखाने और नारेबाजी का किया ऐलान


फैक्ट्री रेस्क्यू कमेटी ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. इसमें पारनेर फैक्ट्री की बिक्री के संबंध में कुल पच्चीस सवाल किए गए हैं. फैक्ट्री रेस्क्यू कमेटी ने कहा है कि दौरे से पहले शरद पवार इन मुद्दों का खुलासा करें. अगर इन सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे और शरद पवार के दौरे के दौरान उनके खिलाफ नारे लगाए जाएंगे. इसके साथ ही फैक्ट्री रेस्क्यू कमेटी की ने चेतावनी दी है कि सड़क पर भी 'शरद पवार-गो बैक' लिखकर विरोध जताया जाएगा. 


इस कार्यक्रम में शामिल होंगे पवा


गौरतलब है कि अहमदनगर के पारनेर में एक उद्घाटन समारोह और किसान मार्गदर्शन बैठक में शामिल होंगे. इस आयोजन को लेकर एनसीपी की ओर से तैयारियां भी कर ली गई हैं, लेकिन रक्षा समिति के विरोध को देखते हुए लोगों के बीच चर्चा है कि क्या शरद पवार अंदर आएंगे.


कोर्ट में भी चल रहा है मामला


पारनेर चीनी कारखाना बचाव समिति ने राज्य सहकारी बैंक की ओर से पारनेर सहकारी चीनी कारखाने की अवैध बिक्री की जांच की मांग को लेकर औरंगाबाद खंडपीठ में एक याचिका दायर कर रखी है. इसके साथ ही पारनेर रेस्क्यू कमेटी ने इस फैक्ट्री की बिक्री में काले धन को सफेद करने का आरोप लगाते हुए ईडी से इस मामले की जांच कराने की मांग की है. हालांकि, ईडी ने स्टैंड लिया था कि मामला दर्ज होने के बाद ही जांच की जाएगी. समिति ने मामला दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने नोटिस नहीं लिया. मामला वापस अदालत में चला गया और यह वहां लंबित है.


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