(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सुप्रिया सुले पर सरकारी एजेंसियों की निगरानी? शरद पवार की पार्टी ने किया बड़ा दावा
Supriya Sule News: एनसीपी (SP) नेता महेश तापसे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सुप्रिया सुले समेत विपक्षी नेताओं की गतिविधियों पर निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल की संभावना जताई.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की बारामती सीट से सांसद सुप्रिया सुले के फोन हैक का मामला गरमाने लगा है. शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) ने बुधवार (14 अगस्त) को आरोप लगाया कि उसकी कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले सरकारी एजेंसियों की निगरानी में हो सकती हैं. पार्टी ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
पुणे जिले के बारामती से लोकसभा सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अभी हाल ही में अपना फोन और व्हाट्सएप अकाउंट हैक होने का दावा किया था. पुणे पुलिस ने इस संबंध में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
एनसीपी (एसपी) के प्रवक्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया कि सुले सरकारी एजेंसियों की निगरानी में हो सकती हैं. सुले ने हाल ही में दावा किया कि उनके पति, एक व्यवसायी, को आयकर विभाग का नोटिस मिला था. उन्होंने इस कार्रवाई को हाल ही में समाप्त हुए बजट सत्र के दौरान संसद में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ की गई आलोचनात्मक टिप्पणियों से जोड़कर देखा था.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी (एसपी) नेता महेश तापसे ने बीजेपी पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को कमजोर करने के लिए कदम उठाने का आरोप लगाया. बीजेपी उन्हें चुनाव में हरा पाने में नाकाम रही थी. सुप्रिया सुले ने हालिया लोकसभा चुनाव में बारामती से लगातार चौथी बार चुनाव में जीत हासिल की थी.
तापसे ने कहा, ''हमारी पार्टी को कमजोर करने के प्रयास में, उन्होंने अजीत पवार (अब डिप्टी सीएम) को अपने पक्ष में लालच देकर एनसीपी में विभाजन कराया.'' एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सुप्रिया सुले समेत विपक्षी नेताओं की गतिविधियों पर निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल की संभावना जताई.
तापसे ने मांग की है कि महाराष्ट्र गृह विभाग ऐसी किसी भी निगरानी गतिविधियों के संबंध में तत्काल स्पष्टीकरण जारी करे. गृह मंत्रालय के लिए यह स्पष्ट करना जरूरी है कि क्या सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल (एनसीपी-एसपी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी), नाना पटोले (कांग्रेस) या किसी अन्य विपक्षी नेता पर कोई निगरानी की जा रही है. अगर ऐसी हरकतें सच हैं तो यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन होगा.
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