Sharad Pawar on UCC: समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर अभी शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (NCP) ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. शरद पवार ने गुरुवार को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समान नागरिक संहिता के बारे में पूरा जानकारी मिलने के बाद ही हमारी पार्टी का रुख तय किया जाएगा. 


शरद पवार ने कहा, "समान नागरिक संहित पर सिख समाज में आम नागरिक कानून का समर्थन नहीं है. इस समाज में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. समान नागरिक संहिता के बारे में पूरी जानकारी मिलने के बाद हमारी पार्टी का रुख तय किया जाएगा." 


इसके साथ ही शरद पवार ने कहा, "मुझे केवल एक ही संदेह है. देश की मौजूदा तस्वीर और लोगों में मौजूदा सरकार को लेकर नाराजगी देखने के बाद मुझे लगता है कि ये लोगों का ध्यान इससे भटकाने की कोशिश है. , ऐसा लग रहा है कि लोगों की नाराजगी और बेचैनी पीएम तक पहुंच गई है."


हाल ही में भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने यूसीसी को देश के लिए जरूरी बताय था. पीएम मोदी ने कहा था कि देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है और भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान नागरिक अधिकारी की बात कही गई है. पीएम मोदी के बयान देते ही राजनीतिक दलों की तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. वहींं,  एनसीपी ने पीएम मोदी के बयान को राजनीतिक स्टंट करार दिया था.


इन राजनीतिक पार्टियों ने साथ देने का किया फैसला
एक तरफ विपक्षी पार्टियां जहां लोकसभा चुनाव को लेकर एकजुट नजर आ रही हैं और उन्होंने पटना की बैठक से यह जाहिर करने की भी कोशिश की. वहीं, यूसीसी को लेकर विपक्षी पार्टियों की अलग-अलग राय है. आम आदमी पार्टी ने इस संहिता को सैद्धांतिक समर्थन देने का फैसला किया है, जबकि महाराष्ट्र में उद्धव गुट की शिवसेना यूबीटी ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है. वहीं, कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दल यूसीसी का विरोध कर रहे हैं. विपक्षी पार्टियां जहां इस संहिता का विरोध कर रही हैं वहीं बीजेपी समर्थक संगठन इसको लेकर सरकार को सुझाव दे रहे हैं.


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