Sharad Pawar Resign: एनसीपी प्रमुख के रूप में शरद पवार के इस्तीफे ने मंगलवार को उनकी पार्टी के साथ-साथ उनके महाराष्ट्र सहयोगी उद्धव ठाकरे और कांग्रेस को चौंका दिया. एनसीपी के वरिष्ठ नेता के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच गई. वहां मौजूद कार्यकर्ताओं और नेताओं ने शरद पवार के इस फैसले का विरोध करने लगे और फैसला वापस लेने के लिए अड़ गए. घंटों बाद, पार्टी कार्यकर्ताओं की अपील के बाद शरद पवार "पुनर्विचार" करने के लिए सहमत हुए और कहा कि उन्हें दो-तीन दिन चाहिए.


शरद पवार के इस्तीफे ने सबको चौंकाया
जैसे ही 82 वर्षीय शरद पवार ने मंगलवार दोपहर अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर इस्तीफा दिया, एनसीपी नेताओं ने मंच पर भीड़ लगा दी. कुछ नेता रो पड़े और कई ने कहा कि वे तब तक डटे रहेंगे जब तक कि शरद पवार अपना विचार नहीं बदलते. अपनी पत्नी प्रतिभा पवार, बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजित पवार की उपस्थिति में उन्होंने स्पष्ट रूप ये एलान किया.


क्या पार्टी होगी विभाजित?
शरद पवार के निर्णय को स्वीकार करने और भविष्य के बारे में बात करने वाले एकमात्र नेता अजित पवार थे, जिनके हालिया कदमों ने अटकलें लगाईं कि वह पार्टी को विभाजित कर सकते हैं और बीजेपी से हाथ मिला सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगर महाराष्ट्र के सहयोगी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सुप्रीम कोर्ट में हार जाते हैं और 15 अन्य विधायकों के साथ अयोग्य घोषित कर दिए जाते हैं, तो यह बीजेपी का प्लान बी हो सकता है.


क्या बोले अजित पवार?
अजित पवार ने पार्टी के लोगों से कहा, हमें उनके फैसले को उनकी उम्र और स्वास्थ्य के आलोक में भी देखना चाहिए. सभी को समय के अनुसार निर्णय लेना है, पवार साहब ने एक निर्णय लिया है और वह इसे वापस नहीं लेंगे." उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगला एनसीपी चीफ शरद पवार के मार्गदर्शन में काम करेगा.


"शरद पवार ने कहा कि मैंने अपना फैसला लिया लेकिन आप सभी की वजह से मैं अपने फैसले पर पुनर्विचार करूंगा. लेकिन मुझे दो से तीन दिन चाहिए और मैं इस पर तभी विचार करूंगा जब कार्यकर्ता अपने घर वापस जाएंगे. कुछ लोगों ने पार्टी के पदों से भी इस्तीफा दे रहे हैं, ये इस्तीफे बंद होने चाहिए."


शरद पवार ने कैमरे के सामने अपने इस्तीफे की घोषणा की, ये सुनकर वहां मौजूद कार्यकर्ता इस फैसले का विरोध करने लगे और एनसीपी के सहयोगियों ने खुले तौर पर ये मांग कि की शरद पवार फैसले पर पुनर्विचार करें. शरद पवार, भारत के सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में से एक और छह दशक के करियर में कई गठबंधनों के अनुभवी, 2024 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले विपक्षी एकता के प्रयासों में एक प्रमुख प्रस्तावक भी हैं. एनसीपी संकट के परिणाम का राष्ट्रीय राजनीति पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है.


गठबंधन पर कितना होगा असर?
एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार के इस्तीफे के बाद अब MVA गठबंधन पर कितना असर होगा इसपर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने बड़ा बयान दिया है. एनसीपी प्रमुख के रूप में शरद पवार के इस्तीफे पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "इससे महा विकास अघाड़ी पर कोई असर नहीं पड़ेगा."


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