Sharad Pawar News: शरद पवार (Sharad Pawar) ने एनसीपी चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया. जहां पार्टी के कई नेता उनसे निर्णय बदलने की अपील कर रहे हैं वहीं उनके भतीजे अजित पवार (AJit Pawar) इस मुद्दे पर अलग ही राय रखते हैं. अजित पवार ने शरद पवार की बेटी और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) को सलाह दी है कि वह इस मुद्दे पर कुछ न कहें.
अजित पवार ने कहा, "मैं उनका बड़ा भाई हूं और इसलिए मैं उन्हें यह सुझाव दे रहा हूं." दरअसल, एनसीपी कार्य़कर्ता यह मांग कर रहे हैं कि सुप्रिया सुले को इस मुद्दे पर अपने पिता शरद पवार से बात करनी चाहिए. उधर, अजित पवार ने कहा, "पवार साहेब ने खुद कुछ दिन पहले नेतृत्व में बदलाव की जरूरत को लेकर बात की थी. हमें उनकी उम्र और सेहत को ध्यान में रखते हुए उनके निर्णय को देखना चाहिए. हर किसी को समय के साथ निर्णय लेना होता है. पवार साहेब ने निर्णय ले लिया है और वह इसे वापस नहीं लेंगे."
पार्टी नेता कर रहे हैं इस्तीफा वापस लेने की मांग
अजित पवार ने आगे कहा कि पवार साहेब हमेशा एनसीपी परिवार के प्रमुख रहेंगे. जो कोई भी अध्यक्ष होगा वह पवार साहेब के दिशानिर्देश पर काम करेगा. उल्लेखनीय है कि शरद पवार ने मंगलवार को यह कह कर सबको चौंका दिया कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'हम सभी साथ मिलकर काम करें, लेकिन मेरा इस्तीफा स्वीकार करें.' पवार ने मुंबई में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण का विमोचन करने के अवसर पर 1999 में स्वयं स्थापित अपनी पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया जिस पर विरोध जताते हुए एनसीपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे फैसले को वापस लेने की मांग की.
जब रो पड़े एनसीपी के नेता
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र चव्हाण अपने वरिष्ठ नेता की घोषणा के बाद रो पड़े, वहीं पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर पवार से उनका फैसला वापस लेने की विनती की. पटेल ने कहा कि पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को विश्वास में नहीं लिया. पवार ने कहा कि उनकी राजनीतिक यात्रा एक मई, 1960 को शुरू हुई थी और पिछले 63 वर्ष से अनवरत जारी है. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में उन्होंने विभिन्न ओहदों पर रहते हुए महाराष्ट्र और देश की सेवा की है.
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